टूरी कहूं लछमी, त कहूं दुरगा देवी के रूप म जनम लेथे। डीह डोंगर, ससुरे-मईके दूनो कुल के मरियादा होथे।… Read More
माटी के दियना, करथे अंजोर।मया बांध रे, पिरितिया डोर॥जगमग-जगमग लागे देवारी, लीपे-पोते घर, अंगना, दुवारीखलखला के हांसे रे, सोनहा धान… Read More
माटी के दियना, करथे अंजोर। मया बांध रे, पिरितिया डोर॥ जगमग-जगमग लागे देवारी, लीपे-पोते घर, अंगना, दुवारी खलखला के हांसे… Read More
टीप-टीप तरिया डबरी नरवा नदिया कछार। आगे हरेली, राखी तीजा-पोरा मया के तिहार॥ माते हे रोपा-बियासी खेती-किसानी, जिनगी हमार। हरियर… Read More