Ram Kumar Sahu “Mayaruk”

आगे असाढ़

आगे असाढ़ गिरे पानी रे गियां । भिंजे परवा चुहे छानी रे ।। पवन चले पुरवाही । अचरा उढाही रे… Read More

11 years ago

बरखा गीत

गरजत बरसत लहुकत हे बादर. आंखी म जइसे आंजे हे काजर. मेचका-झिन्गुरा के गुरतुर बोली हरियर हरियर, धनहा डोली बरसे… Read More

12 years ago

कहिनी : नोनी दुलौरिन

टूरी कहूं लछमी, त कहूं दुरगा देवी के रूप म जनम लेथे। डीह डोंगर, ससुरे-मईके दूनो कुल के मरियादा होथे।… Read More

13 years ago

माटी के दियना

माटी के दियना, करथे अंजोर।मया बांध रे, पिरितिया डोर॥जगमग-जगमग लागे देवारी, लीपे-पोते घर, अंगना, दुवारीखलखला के हांसे रे, सोनहा धान… Read More

13 years ago

माटी के दियना

माटी के दियना, करथे अंजोर। मया बांध रे, पिरितिया डोर॥ जगमग-जगमग लागे देवारी, लीपे-पोते घर, अंगना, दुवारी खलखला के हांसे… Read More

13 years ago

मया के तिहार

टीप-टीप तरिया डबरी नरवा नदिया कछार। आगे हरेली, राखी तीजा-पोरा मया के तिहार॥ माते हे रोपा-बियासी खेती-किसानी, जिनगी हमार। हरियर… Read More

14 years ago