एक दीया अउ जलावव, कखरो अंधियारी कुंदरा ह, अंजोर होजय। सुवारथ के गंवईं मा, मया मा लिपे गली खोर होजय।।… Read More
जागव जी अब उठव भईया, नो है एहा सुते के बेरा । बाहिर के इंहा चोर घुमत हे, लुट लिही… Read More
चलव आज फेर, अरछी परछी, कुरिया दुवारी के ,जाला ल झार लेथन। बाहिर कहूं चिकना गिस होही त, अब अंतस… Read More
पिये के एके बहाना टेंसन होगे। दारू अउ बियर ह फेसन होगे।। रावन जइसे पंडित ज्ञानी, अड़बड़ पैग लगावत हे।… Read More
नौ दिन ले देबी पुजे, जांहू पितर के लोक मा। बेटा के लालच म अंधरा होके, बेटी ल,काबर मारे कोंख… Read More
तोर बघवा ल तो ढिल दे दाई, कोलिहा मन हा आवत हे। हमरे दाना पानी खाके, हमी ल गुर्रावत हे..।।… Read More
अपन बुध लगावौ जी परबुधिया झन बनौ, अपन बुध लगावौ जी ! मुसुवा नो हौ.गउहा डोमी, अब तो फन उठावौ… Read More
जेन घर मा दाई ददा ह, जियत म आंसू बोहाही ग । ओ घर के तोरई भात, हमला कइसे मिठाही… Read More
मैं वो छत्तीसगढ़ के रहईय्या अंव, जिंहा मया के गंगा बहिथे गा! तीरथ ले पावन जिंहा के माटी, भुईंया मा… Read More
जबले बने हे रूखराई .चिरई चुरगुन, तबके मैं निवासी अंव ! हव मैं आदिवासी अंव, हव मैं आदिवासी अंव !!… Read More