Ram Kumar Sahu

तुलसीदास

बाल्मीकी जब लिखे रमायन, पंडित ग्यानी गावत रिहिस! बावहन पढ़है संस्कृत भासा, आन जात मन दूर ले पावत रिहिस !!… Read More

7 years ago

बेटी मन

बेटा कहूं जिनगी के डोंगा, त पतवार ए बेटी मन ! जेठ के सुक्खा परिया जिनगी, त सावन के फुहार… Read More

7 years ago

किसान के पीरा : आरे करिया बादर

आरे करिया बादर अब आ रे करिया बादर सूक्खा परगे तरिया नदिया, जर के माटी होगे राखर। आरे करिया..... ददा… Read More

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छत्तीसगढ़ के नारी

मैं छत्तीसगढ़ के नारी औं-२ मया पिरीत के जम्मो रूप, बाई. बेटी अऊ महतारी औं !! गउ कस सिधवा जान,… Read More

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भारत रक्षा खातिर आबे, गणनायक गनेस

भारत रक्षा खातिर आबे, गणनायक गनेस ! भ्रस्टाचार के बेड़ी म बंधागे ! आज हमर देस !! गरीब के कोनो… Read More

7 years ago