Ramesh Kumar Chouhan

किसानी के पीरा

खेत पार मा कुंदरा, चैतू रखे बनाय । चौबीसो घंटा अपन, वो हर इहें खपाय ।। हरियर हरियर चना ह… Read More

6 years ago

छंद चालीसा – छत्तीसगढी छंद के कोठी

छंद चालीसा "छत्तीसगढी छंद के कोठी'' रमेशकुमार सिंह चौहान प्रकाशक आशु प्रकाशन पता- प्लाट नं. 509 मिलेनियम चौक सुंदर नगर,… Read More

6 years ago

छत्तीसगढ़ी के मानकीकरण बर

भाषा ह नाना प्रकार के व्यवहार बोल-चाल, पढ़ई-लिखई, बाजार, मनोरंजन आदि म मन के बात, संवेदना व्यक्त करे के माध्यम… Read More

7 years ago

चार बेटा राम के कौडी के ना काम के

छोहीहा नरवा के  दुनो कोती दु ठन पारा नरवरगढ़ के । बुड़ती म जुन्ना पारा अउ उत्ती मा नवा पारा… Read More

9 years ago

दोहावली

1. चार चरण दू डांड़ के, होथे दोहा छंद । तेरा ग्यारा होय यति, रच ले तै मतिमंद ।।1।। विसम… Read More

10 years ago

अनुवाद

1. कोशिश करईया मन के कभु हार नई होवय (मूल रचना - ‘‘कोशिश करने वालो की हार नही होती‘‘ मूल… Read More

10 years ago

मोर मयारू गणेश

दोहा जऊन भक्त शरण पड़े, ले श्रद्धा विश्वास । श्रीगणेश पूरन करे, ऊखर जम्मो आस ।। चैपाई हे गौरा गौरी… Read More

11 years ago