Rameshwar Vaishnav

साहित्य म भ्रस्टाचार

हमर देस म कोनो छेत्र नइ बांचे हे जिंहा भ्रस्टाचार नइये। राजनीति म भ्रस्टाचार ह तो काजर के कोठी कस… Read More

7 years ago

मिर्चा भजिया खाये हे पेट गडगडाये हे

बस मे कब ले ठाढे हँव बइठे बर जघा दे देले दे खुसर पाये हँव निकले बर जघा दे देभीड… Read More

14 years ago

रामेश्वर वैष्णव के कबिता आडियो

(राजनीतिज्ञो ने जो पशुता के क्षेत्र मे उन्नति की है उससे सारे पशु आतंकित है)पिछू पिछू जाथे तेला छटारा पेलाथे… Read More

14 years ago