Ravi Kandra

मरनी भात

मरे मा खवाये संगी मरनी भात ये नो हे संगी सही बात जियत ले खवाये नहीं जिंयईया ला मरे के… Read More

5 years ago

नंदागे

नंदागे आते सुघ्घर गांव नंदागे बर पिपर के छाव नंदागे माया पिरित ला सब भूला के सुनता के मोर गांव… Read More

6 years ago

किसानी अपन करथो

सुत उठ बडे बिहनिया करम अपन करथो भुइंया के लागा छुटे बर म्हिनत मेहा करथो खुन पसिना ले सिच के… Read More

6 years ago

लघु कथा : ठेकवा नाव ठीक

एक ठन गांव मा ठेकवा नाव के एक-हजयन मइनखे रहाये, ओला अपन ठेकवा नाव बने नइ लागे ता हो हा… Read More

6 years ago