जादा दिन के घटना नोहय।बस!पाख भर पाछू के बात आय।जेठौनी तिहार मनावत रेहेन।बरदिहा मन दोहा पारत गांव के किसान ल… Read More
हर बच्छर राखी तिहार के आगू नीते पाछू नवा पीढी के नान्हे-नान्हे लइका अउ सग्यान नोनी-बाबू मन ल एक-दूसर के… Read More
दाऊ रामचंद्र देशमुख ल छत्तीसगढी लोकमंच के पितामह केहे जाथे।इंकर जनम 25 अक्टूबर 1916 म पिनकापार (राजनांदगांव) म होय रिहिसे।फेर… Read More
भारत देस तिहार अउ परब के देस हरे।अउ हमर छत्तीसगढ़ म तो बरमस्सी परब रथे।आनी-बानी के तिहार मनाथन हमन इंहा।पहिली… Read More
जनम लेवइय्या ये भुंइया म,सिरतो कथंव भागमानी ए। धुर्रा माथ लगावव संगी!ये माटी बलिदानी ए। जनम धरिन कौसिला दाई रामलला… Read More
जब ले हमर देस म मुबाईल सुरू होय हे तब ले मनखे उही म रमे हे।पहिली जमाना म मुबाईल ल… Read More
आज संझौती बेरा म दुरगा ठऊर म मिटिंग हावे किके कोतवाल हांका पारके चल दिस। जें खाके सब ला सकलाना… Read More
ममता एक झन ल पूछिस जेहा गाड़ी म बइठे रीहिस। का होगे? कइसे लागत हे एला ओ मनखे ह थोरिक… Read More
हमर छत्तीसगढ़ के हर परब-तिहार के अलगे महत्तम हे। इहां के जम्मो मनखे मन म भारतीयता के संस्कार ह कूट-कूट… Read More
दाई-दाई! मेंहा काली सलमा दीदी घर रहूं। दीदी ह मोला काली रूके खातिर बड़ किलोली करत रीहीस हे। बड़े बाबू… Read More