नोनी-बाबू के बिहाव

जन्म से लेके मृत्यु तक मनखे मन के सोला संस्कार होथे अऊ सोला संस्कार मं एक ठन संस्कार हे बिहाव संस्कार। बिहाव संस्कार ह अड़बड महत्वपूर्णं होथे काबर कि दू झन परदेसी ह एक संघरा जिनगी बिताय बर तियार होथे। हमर छत्तीसगढ़ मं अनेक जाति के मनखे हे अउ जाति के अनुसार बिहाव के अनेक परम्परा अउ महत्व हे, त आवव बिहाव के कुछ परम्परा अउ ओकर महत्व ऊपर एक नजर डालथन। * तेलमाटी-चुलमाटी– बिहाव के पहिली दिन तेलमाटी चुलमाटी के कार्यक्रम ह होथे। माटी ल साबर मं कोड़ के…

Read More