Sanjeet Tripathi

मेकराजाला म बाढ़य हमर भाखा के साहित्य : राजभाषा आयोग देवय पंदोली

संगी हो हमर धान के खेत लहलहावत हावय अउ हमर मिहनत के फल अब हमर कोठार तहॉं ले कोठी म… Read More

11 years ago

तिलमति-चांउरमति : छत्तीसगढ़ी लोककथा-2

बाम्हन-बम्हनिन एक सहर म रहत रहिन। दोखहा पेट के कारन उनला भीख मांगे बर एती-उती जाय ल परय।। एक दिन… Read More

13 years ago

ढ़ूंढ़ी रक्सिन: छत्तीसगढ़ी लोककथा – 1

कोलिहा अउ बेंदरा दूनों मितान बदिन। जउन काम करैं दूनों सोंच-सोंच के जउन फ़ल गवैं दूनों बांट-बांट खांवैं। ढूंढ़ी रक्सिन… Read More

14 years ago