आव गजानन हमरो - द्वार, पहिराहौं गज मुक्ता हार बुद्धि संग हे रूप अपार, रिद्धि सिद्धि के रंग हजार। गणपति… Read More
सावन के का बात हे भाई सावन तो मन भावन ए सबो महीना आथे- जाथे फेर सावन तो सावन ए… Read More
रिमझिम पानी म मन मंजूर हो जाथे काबर बादर के गरजन मोला अब्बड डेरवाथे काबर ? पानी गिरथे तव ए… Read More
आम - लीम- बर- पीपर - पहिरे छत्तीसगढ के सबो गॉंव नदिया नरवा पार म बइठे छत्तीसगढ के सबो गॉंव… Read More
बाबा हर सरकार ल रामलीला ले चुपे-चुप चेताइस हे जनतंत्र के महत्व ल गॉंधी के भाखा म समझाइस हे। बाबा… Read More
रंग म बूड के फागुन आ गे बइठ पतंग सवारी म टेसू फूल धरे हे हाथ म ठाढे हावय दुवारी… Read More
आगे बादर पानी के दिन अब तो पानी - पूरा आही बीत गे बोरे - बासी के दिन दार -… Read More
शकुन्तला शर्मा भिलाई, छत्तीसगढ़ शिक्षा - एम.ए.(संस्कृत, हिन्दी), बी.एड.(सिद्धॉंतालंकार) ब्लाॅग - http://shaakuntalam.blogspot.in कृतियॉं - 1. चंदा के छॉंव म (छत्तीसगढ़ी… Read More