जब मयं अमरेवं गाँव के मुहाटी लईका खेलत रिहिन भँवरा बांटी पीपर खांदा मा कूदत रिहिन बेंदरा सईंतत गोबर मोल दिखिस मंटोरा जान गयेंव इहीच मोर गाँव ए मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु || गाड़ी बईला कुदावत भईया घर आवे लोटा पानी धरे भौजी मुसकावे बईहाँ लमाये दाई-ददा आँसू ढारें आँसू खुसी के मोर आँखी ले बरसे पाँव परेंव इहीच मोर धाम ए मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु…
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सपना के गांव
हाना हाना म डोले मोर सपना के गांव पाना पाना म लिखे महतारी के नांव. झुनुक झेंगुर हर गावे फुदुक टेटका मगन आनी बानी के फूल इंहा हरियर उपवन बाना बाना मा बोले मोर सपना के गांव पाना पाना म लिखे महतारी के नांव. धरे नांगर तुतारी, धनहा बिजहा माटी धरती दाई के बेटा के भुइंया थाती गाना गाना म फूले मोर सपना के गांव पाना पाना म लिखे महतारी के नांव. ऐंठी चूरी महावर छिंटही लुगरा पहिरे तीजा पोरा म ठमके बेनी फुंदरा झमरे रीति रीति म गावे मोर…
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