शिवकुमार दीपक ह छत्तीसगढी फिलिम अउ लोक कला मंच के स्थापित हास्य कलाकार ए। इंकर कला यात्रा नानपन ले सुरू होगे रिहिस। नानपन म रामलीला, कृष्ण लीला, नाचा देखे बर घर म बिना बताय संगवारी मन संग दूसर गांव चल देत रिहिस। इमन स्कूल नई जाके संगी-साथी मन संग टोली बनाके ककरो सुन्ना घर म लीला अउ नाच के खेल खेलंय। एक समे अइसन आइस जब नागपुर म अखिल भारतीय युवा महोत्सव म ‘जीवन पुस्प’ नाटक के प्रदर्शन करे के मउका मिलिस। देस के पहिली प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ह…
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लोककथा :असली गहना
राजा रावन खिसिया के कथे अरे मूरख जेकर महल में देवता दिगपाल मन पानी भरथे, गोबर-कचरा डारथे तेला तेहा ‘कर’ मांगथस तोला लाज नई लागे! तब परजा ह विनती करथे आप मन मोर संग समुंदर तीर चलो, रावन ल डर तो रहय नहीं खिसिया के चल दिस। परजा ह लंका में जइसे चार ठन दरवाजा हे तइसन दरवाजा अउ हुबहु बालू में लंका बना दिस। अउ कथे अइसने हावे न लंका ह! रावन खुस होगे। कथे तैं तों बढ़िया कारीगर हावस जी। परजा कथे रावन धियान देके देख। रावन हंसे…
Read Moreछत्तीसगढ़ के शिव मंदिर
भोजन में दार भात बांकी सब कचरा। देवता में महादेव अऊ हे ते पथरा॥ छत्तीसगढ़ राज म कतको पुराना शिव मंदिर विराजमान हावे जेकर लेख इहां के बड़े-बड़े साहित्यकार मन बेरा-बेरा में उल्लेख करे हावे। कलचुरि काल अउ सोमवंशी राजकाल में शिवमंदिर सावन महिमा म बिसेस साधना के जगा होथे भगवान शिव हिन्दू धरम के मुखिया देवता आय। बरम्हा- बिसनु-महेस तीन देवता में इंकर नाम आथे। पूजा, उपासना में शिव अउ ओकर सक्ती हे। मुख्य हे भगवान शिव ल सिधवा देवता कहे जथे तभे तो भगत मन नानकुन चबूतरा बना…
Read Moreरात कइसे बीतिस
एक झन जोगी बाबा ह घुमत फिरत एक शहर में पहुंचगे। रात होगे रहय अऊ जलकला के दिन रहय शहर के खरपाट ह चारो मुड़ा ले बंद होगे रहय। जोगी बाबा ल जाड़ लागीस। जाड़ में हाथ गोड़ ह कांपत रहय। गरम कपड़ा धरे नई रहय। सुते बइथे बर जगा खोजीस उही कर भट्ठी चुलहा रहय। जोगी बाबा ह ऊंहा जाके खुसरगे बने रुसुम-रुसुम लागीस। तहन नींद ह परगे। बिहनिया होइस तहन नींद ह खुलगे। बाजू में राजा के महल रहय। राजा के नींद खुलीस तहन राजा ह अपन संगी…
Read Moreचरभंठिया को गोठ
‘जब ठाकुर मरीस तहन ठकुरइन ऐके झन होगे दू झन लइका इंकरो मया मोला धर खइस रे। तब ठकुरइन एक दिन मोला किहिस तेहा मोर खेत खार सबो ल सम्हाल मेहा एकर बदला में तोला दू एकड़ खेत दुहु।’ गरमी के दिन राहय बिहने ले झऊंहा, रापा, कुदारी अउ पेज ल धर के बिरझू माटी डारे बर ठकुरइन के खेत म जात हे ओला देख के पेट पोसवा नौकर ह कथे बबा तेहा रोज दिन माटी डारे बर जाथस तोला ठकुराइन ह दूसर काम नई बताय बिरछू बबा ह कथे…
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