एक समय पूरा छत्तीसगढ़ में सावन के महीना में सब कोनो भोजली बोवत रहिन। सबो गांव अउ शहर में घरो-घर भोजली दाई सावन मं लहरावत रहय। भोजली ल देवी के अवतार माने जात रहिस। आज के समय में भोजली अउ जवारा बोवाई नंदावत जावत हे। आज के पढ़े-लिखे मनखे मन भोजली के वैज्ञानिक महत्तम ल न ई समझ सकिन। मगर ये ही जवारा (भोजली) ह पूरा दुनिया में तहलका मचा देहे हावय। संसार में आनी-बानी के बीमारी के स्थायी इलाज इही भोजली (गेंहू के जवारा) में होवत हे। दु:ख के…
Read MoreTag: Shyam Narayan Sahu
महान आदिवासी जननेता महाराज परवीरचंदर भंजदेव जी
परवीरचंदर भंजदेव के महतारी परफुल्ल कुमारी देवी के जनम 1910 म होए रहिस। परफुल्ल कुमारी बस्तर के महाराज रूद्र प्रतापदेव के अकलौती (अकेला) संतान रहिन, एकर सेती पिता के इंतकाल होए के बाद 11 बछर के उमर म महारानी बन गइन। परफुल्ल कुमारी के बिहाव मयूर गंज के राजा के बेटा युवराज परफुल्ल चंदर भंजदेव के संग 25 फरवरी 1927 मं हाए रहिस। परफुल्ल चदर के दू बेटा होइस- परवीर चंदर अउ विजय चंद। दू झन बेटी राजकुमारी कमलादेवी अउ गीतादेवी होइस। बड़े बेटा परवीर चंदर के जनम 13 जून…
Read Moreछत्तीसगढ़ के चिन्हारी गोदना
भारत के उत्तर-परब क्षेत्र मं असम, मध्यभारत, दक्छिन भारत, अंडमान निकोबार- द्वीपसमूह अउ छत्तीसगढ़ मं जुन्ना समय ले गोदना, गोदवाए के चलन रहे हे, फेर छत्तीसगढ़ के गोदना ह पूरा दुनिया मं ”छत्तीसगढ़ के चिन्हारी” बनगे हावय। छत्तीसगढ़ मं अइसे तो सबो जात के मनखे-मन गोदना गोदवात रहिन, लेकिन सबले जादा आदिवासी भाई-बहिनी मन सबे कोनों गोदना गोदवात रहिन। अब तो गोदना ह नवा फेसन के चिन्हारी बनत जावथे। गोदना ल केवल सुघ्घरता बर गोदवात रहिन, अइसे बात नइ रहिस, बल्कि सरीर बने मजबूत रहय, कोनो बेमारी झन होवय, ये…
Read Moreमहान आदिवासी जननेता महाराज परवीरचंदर भंजदेव जी
परवीरचंदर भंजदेव के महतारी परफुल्ल कुमारी देवी के जनम 1910 म होए रहिस। परफुल्ल कुमारी बस्तर के महाराज रूद्र प्रतापदेव के अकलौती (अकेला) संतान रहिन, एकर सेती पिता के इंतकाल होए के बाद 11 बछर के उमर म महारानी बन गइन। परफुल्ल कुमारी के बिहाव मयूर गंज के राजा के बेटा युवराज परफुल्ल चंदर भंजदेव के संग 25 फरवरी 1927 मं हाए रहिस। परफुल्ल चदर के दू बेटा होइस- परवीर चंदर अउ विजय चंद। दू झन बेटी राजकुमारी कमलादेवी अउ गीतादेवी होइस। बड़े बेटा परवीर चंदर के जनम 13 जून…
Read Moreहमर छत्तीसगढ़
हमर सोझिया छत्तीसगढिया मजदूर मन, मजदूरी करे दूसर राज जाथे अउ अपन सबे कुछ लुटा के लहुटथें, ए विसय म इस्थायी समाधान होना चाही। अपराध अउ भ्रस्टाचार दिनों-दिन बाढ़त जात हे। गरीब ह अऊ गरीब होवत जात हे, पूरा बेवस्था ह बिगड़े हे, अइसनहा नइ होना चाही। छत्तीसगढ़िया सबो जात म दुस्मनी के जहर बोए जात हे, सबो जात म समरसता अउ सद्भावना बढ़ाए के बेरा आए हे, एकर रस्ता बनाना चाही। ऊंच-नीच के भाव मिटना चाही। हम सब ल छत्तीसगढ़-महतारी के सपूत बनना चाही।ह मर भारत देस के 26…
Read Moreभले मनखे ले जग म सुख-सांति जरूर आही
बिगडे समाज अउ राजनीति ल कउन सुधारही? अपन मं सब उलझे हें त जग सुधारे कउन आही? आधा रात के बारा बजे मोर टूरा खखुवाइस, कविता लिखत देख के मोर बर बड़-गुर्राइस। अइसने मेहनत करके कुछु दुकान ल चलाते॥ त कतका कन पइसा कमाके सुख ल पाते॥ हम गरीब के पीरा मं काबर कउन आही? हमन रोवत रइबो त कोन पीरा ल पाही? कलम-कागज ल धर के माथा ल धुनत रइथस, देस-समाज के उतार-चढ़ाव ल लिखके का पाथस। एक ठी टूटहा लूना ल जिनगी भर चलावथस। करू-करू लिखके नेता मन…
Read Moreछत्तीसगढ़िया भाव जगाए मं, काबर लजाथन?
भारत ल मदर इंडिया कइथन, भारत माता मं काबर लजाथन? छत्तीसगढ़ मं हमन रइथन, छत्तीसगढ़-महतारी कहे मं काबर लजाथन? छत्तीसगढ़ के अनाज सबे खाथन, जय छत्तीसगढ़ कहे मं काबर लजाथन? दूसर ल सनमान सबे करथन, दाई-ददा के पांव छुए म काबर लजाथन? दाई ल मम्मी कइथन, दाई कहे म काबर लजाथन? ददा ल डैडी कइथन, ददा कहे म काबर लजाथन? कका ल अंकल कइथन, कका कहे म काबर लजाथन? काकी ल आंटी कइथन, काकी कहे म काबर लजाथन? अंगरेजी म सान से गोठियाथन, छत्तीसगढ़ी बोले म काबर लजाथन? हाय-हलो सनमान…
Read More