गांव म एक झन बिमरहा मनखे रहय। रोज के पेट पीरा म बिचारा कुछ काम-बुता करे नई सकय। भात खावय… Read More
कोचके भौजी भइया लाकइबे जाके सब पाराआज मड़वा गड़ही भाई के काटे जाहा डुमर डारा।हरियर-हरियर छाय लागहीढेड़हा-ढ़ेड़हीन ल जागे लागहीसजाही… Read More
मन के पीराकर देथे तन ल खोखलाचाहे होवय जवाननई छोड़य लईका-डोकरा।घुट-घुट के बेंगवाजइसे येती-ओती तलमलाथेनिकाल देबे कुंआ ले ये बेंगवाबिन… Read More
नइए भरोसा संगवारी-रागीहवा पानी अउ आगी।नइए भरोसा संगवारी रागी॥दाई बहनी सबके खाथे किरिया।नइए लाज शरम पिरिया॥न दाई ल, दाई जानत… Read More
तैं माई लोगिन होतेस त जानतेस पानी-कांजी भरे म कतका दु:ख अउ सुख लागथे तोला काय लगे हे। भात ल… Read More
खावत हे, पियत हेरातदिन मारा-मारी जियत हेबिन लगाम दउड़त हेबखत के घोड़ा।रात हर दिन हो जाथेदिन हर रात हो जाथेबिन… Read More
सीताराम हर एक दिन शहर गीस घूमे बर, शहर के हालचाल जाने बर सीताराम शहर पहुंचगे। बढ़िया-बढ़िया घर-कुरिया, पांच तल्ला… Read More
भइया बबा दीदी होसुन लेवा मोरो नाव।तुहर मन के किरपा होतीसलड़ते पंचायत चुनावपांच सौ रुपया देहुं तुमन लकाकी भौजी बर… Read More