मोर छइयां भुइयां के माटी रे संगी महर.महर ममहाथे न, गंगाजल कस पावन धारा महानदी ह बोहाथे न । मोर छइयां भुइयां के माटी रे संगी महर.महर ममहाथे न ।। धान कटोरा हे मोर भुइयां ये हीरा मोती उगलथे रे, अरपा, पैरी, सोंढूर, शिवनाथ एकर कोरा म पलथे रे । अछरा जेकर हरियर-हरियर मया इहां पलपलाथे न, मोर छइयां भुइयां के माटी रे संगी महर महर ममहाथे न ।। मैनपाट जस शिमला लागे कश्मीर जस चैतुरगढ़ सोहे, प्रयागराज जस राजीव लोचन भोरमदेव हर मन ल मोहे । डोंगरगढ़ म माता…
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सोमदत्त यादव के कविता
गांव-गांव म जनमानस के आँखी खोलईया आँधी के जरुरत हे, आज फेर मोर देश ल महात्मा गाँधी के जरुरत हे । कोन कइथे,आज हम आजाद हन ? हम तो भीतर-बाहिर सफा कोती बर्बाद हन आज फिर से हमला आजादी के जरुरत हे ,, आज फेर मोर देश ल महात्मा गाँधी के जरुरत हे ।। भीतर म नक्सली,बाहिर म आतंकी देश म आज दहशत हे, सोन चिरईया हरियर भुइयां लाल लहू ले लतपथ हे। सत्य ,अहिंसा,दया,प्रेम इत्यादि के जरुरत हे,, आज फेर मोर देश ल महात्मा गाँधी के जरुरत हे ।।…
Read Moreमोर भाखा अङबङ गुरतुर हे
मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग, करमा ददरिया सुआ पंथी संग म नाच लव गा लव ग। मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।। रसगुल्ला कस मोर छत्तीसगढी भाखा बने सुहाथे ग, छत्तीसगढी हाँसी ठिठोली मन ला सबके भाथे ग। अंग्रेजी के तुँहर घर अंगना म हमरो भाखा के रंग उठियालव ग मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।। साग म जैइसे डुबकी कढही अमटाहा भाँटा मिठाथे ग, उसने हमर भाखा बोली म सुवाद गजब के आथे…
Read Moreहिम्मत हे त आघु आ
लुकाके काबर चाबथच रे कुकुर हिम्मत हे त आघु आ, देखथँव के दाँत हे तोर जबङा में लुकाके तैं झन पुछी हला। मुसवा कस खुसरके बिला म शेर ल झन तै ताव देखा,, लुकाके काबर चाबथच रे कुकुर हिम्मत हे त आघु आ।। खात बुकबुकी मारत हे तुमला घर अँगना ले भटके हव, तीन सौ कुकुर ह जुरयाके पचीस झन शेर ल हटके हव। कुकुर तै मरबे कुकुर के मउत अपन बहादुरी झन जता,, लुकाके काबर चाबथच रे कुकुर हिम्मत हे त आघु आ।। 24 अप्रेल के दिन सुरता रखबे…
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