मोर छइयां भुइयां के माटी रे संगी महर.महर ममहाथे न, गंगाजल कस पावन धारा महानदी ह बोहाथे न । मोर… Read More
गांव-गांव म जनमानस के आँखी खोलईया आँधी के जरुरत हे, आज फेर मोर देश ल महात्मा गाँधी के जरुरत हे… Read More
मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग, करमा ददरिया सुआ पंथी संग म नाच लव गा… Read More
लुकाके काबर चाबथच रे कुकुर हिम्मत हे त आघु आ, देखथँव के दाँत हे तोर जबङा में लुकाके तैं झन… Read More