पियंर पियंर डोली खार धान बाली लहलहावत हे लुए टोरे के दिन आगे मांथ ल नवावत हे रापा धरके कांदी छोले बियारा ल चतरावत हे जुड़ा ड़ाढ़ी सुमेला बंडी बईलागाड़ी ल सम्हारावत हे पेरा पुरा के पैरा डोरी बर बरके बनावत हे धान लुए बर हंसिया,बेठ लोहार कर पजवावत हे पात धरके चापे चाप करपा ल मढ़ावत हे थके मांदे निहरे निहरे कनिहा ल सोजियावत हे पेरा पुरा के पैरा डोरी बीड़ा बीड़ा बांधत हे मेड़ म बईठके बीड़ी पियत सुसती धपकी मारत हे डबल टिबल बोझा बिड़ा सुर मुड़ी…
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पुन्नी मेला घुम आतेन
कातिक पुन्नी के मेला भराय चल न मयारु घुमेल जातेन भोले बाबा बर असनान करबो फुलपान केला जल चढ़ातेन लगे रथयं अब्बड़ रेला दरस करके घलो आतेन फोड़तेन नरियर अउ भेला मनके मनौती मांग लेतेन खांसर बईला म बईठके होहो तोतो हांकत दउंड़ातेन संगी जहुंरिया संग जोराके महादेव घाट मेला जातेन लाई मुर्रा चना फुटेना खाय बर बिसाके लातेन लाली लाली पढ़र्री खुशियार चुहक चुहक के खातेन आनी बानी के सजे दुकान खोवा बतासा खरिदतेन मजा लेबोन ढ़ेलवा रहचुली संग बईठके झुला झुलतेन घुमत घामत मजा लेवत सांझ मुंदिहार घर…
Read Moreसुआ नाचेल जाबो
सुआ नाचेल जाबो संगी चलो सुआ नाचेल जाबो तरी हरी मोर सुअना नहा नरी नहा न गाबो संगी संगवारी जुर मिलके माटी के सुआ बनाबो माटी के सुआ शोभा बरनी हरियर रंग म रंगाबो सखी सहेली टोली बनाके चलो सुआ नाचेल जाबो तरी हरी मोर सुअना नहा नरी नहा न गाबो एके रंगके झम्मक लुगरा पहिरके नाचेल जाबो घर अंगना अउ पारा मोहल्ला सुआ नाच ल देखाबो सुआ नाचत गीत गा गाके ताली थपती ल बजाबो तरी हरी मोर सुअना नहा नरी नहा न गाबो!! मयारुक छत्तीसगढ़िया सोनु नेताम “माया”…
Read Moreदेवारी तिहार आवत हे
हरियर हरियर लुगरा पहिरके दाई बहिनी मन नाचत हे आरा पारा खोर गली मोहल्ला सुवा गीत ल गावत हे सुग्हर संदेश के नेवता देवत देवारी तिहार आवत हे घर अंगना कोठा कुरिया पेरौवसी माटी म छबावत हे जाला जक्कड़ खोंदरा कुरिया निसैईनी चड़के झटावत हे लाली सफेद पिंवरी छुही घर अंगना ल लिपावत हे कोल्लर कोल्लर माटी लाके गईरी माटी ल मतावत हे ओदरे खोदरे भाड़ी ल चिक्कन चिक्कन चिकनावत हे घर मुहाटी के तुलसी चउंरा मारबल पथरा म बनावत हे खिड़की फुल्ली कपाट चौखट रंग रंगके कलर म पोतावत…
Read Moreसुरता तोर आथे
पहाति बिहानिया हो चाहे, संझाति बेरा के बुड़त संझा हो! काम बुता म मन नी लागे, भईगे सुरता तोर आथे! का करवं तोर बिन, ऐको कन मन नई लागे! हर घड़ी बेरा कुबेरा, सुसक सुसक्के रोवाथे! बईहा पगला दीवाना होगेवं, मया म तोर मयारु! अब तो अईसे लागथे, तोर बिन कईसे रहि पांहु! जिनगी जिए जियत मरत ले, किरिया तोला खवाहुं! मया के जिनगी रहत ले, अपन सजनी तोला बनाहुं!! ✒मयारुक छत्तीसगढ़िया सोनु नेताम”माया” रुद्री नवागांव धमतरी मया तोला करथवं तोर नांव के गोंदना गोंदाऐवं मोर मया के चिंन्हारी बर…
Read Moreमोर गांव के बजार
आबे वो गोई मोर गांव के बजार, घुमाहुं तोला मैंय हटरी बजार! संगे जाबो मोर गांव के बजार, पहिराहुं तोला वो नवलखिया के हार! खवाहुं तोला मैंय जलेबी मिठई, सुरता राखबे मोर रुद्रीनवागांव के बजार! अउ खवाहुं चना मुर्रा लाई, हफ्ता दिन बुधवार भराथे मोर गांव के बजार! कान बर खिंनवा,हाथ बर चुरी! नाक बर नथनी,गोंड़ बर पैईरी! किसिम किसिम आनी बानी के, बारह हाथ के लुगरा लेहुं! मांथ के टिकली सुग्हर फबहि चिंन्हारी मुंदरी तोला देहुं आबे वो गोई मोर गांव के बजार, घुमाहुं तोला मैंय हटरी बजार! सुरता…
Read Moreगांव के सीतला
मोर गांव के सीतला दाई तोर गुन ल गावयं वो तरिया पार म तैंय बिराजे बईगा तोला मनावयं वो अंगना म तोर लाली ध्वजा लहर लहर लहरावयं वो हरियर हरियर बोवाय जंवारा शोभा बरनि न जावय वो श्राद्धा अउ बिस्वास के पुजा मन के मनौति पावयं वो बिनती हमार सुनले दाई सेवा जस तोर गावयं वो फुल पान अउ नरियर केला तोला सब चढ़ावयं वो मोर गांव के सीतला दाई लाली चुनरी ओढ़हावय वो जगमग जगमग दीया बरत हे मईया तोरे भुवन म वो हाथ जोड़ पैईया पखारयं दाई तोरे…
Read Moreपितर पाख तिहार म
बैसकी ल मनावत हे पुरखा सियानहिन सियनहा नेवता देके बलावत हे घर मुहाटी पिड़हा म चउंर पिसान पुराय हे तोरई पान म उरिद दार लोटा पानी मुखारी बोराय हे तेलई बईठे बर रोटी पिठा पिसान दार दराय हे पुरखा ल पानी दे बर तरिया घाट म नहाय हे सोंहारी बरा के पाग बर गहुं पिसान सनाय हे तोरई,बरबट्टी आलु अउ चना साग पान रंन्धाय हे पितर नेवता आरा परोस पितर खाय ल बलाय हे दुद भात संग अम्मट कड़ही महर महर ममहाय हे कुकुर बिलई बनके पितर खाय ल आय…
Read Moreछत्तीसगढ़ के तिज तिहार
हरियर हरेली तिहार मनागे आरी पारी सबहो परंपरा जम्मो तिहार अब आगे हरेली के बाद राखी तिहार बहिनी मन म खुशी छागे भाई बहिनी के मया पिरित रक्षाबंधन डोरी सुंत बंधागे राखी तिहार बाद कमरछठ लईका बर उपास राखथे जन्माष्टमी के दिन दही लुट आठे गोकुल तिहार मनाथे तीजा-पोरा बर बहिनी ल लेनहार तीजा लेवाय ल जाथे दाई ददा अउ भाई भउंजाई मईके के सुरता सुध लमाथे तीजा पोरा के बिहान दिन गणेश भगवान ल मढ़ाथे गियारा दिन ले पुजा पाठ तरिया म बिसरजन कराथे सरग सिधार पुरखा ल पीतर…
Read Moreपितर नेवता
पितर पाख तिहार म बैसकी ल मनावत हे पुरखा सियानहिन सियनहा नेवता देके बलावत हे घर मुहाटी पिड़हा म चउंर पिसान पुराय हे तोरई पान म उरिद दार लोटा पानी मुखारी बोराय हे तेलई बईठे बर रोटी पिठा पिसान दार दराय हे पुरखा ल पानी दे बर तरिया घाट म नहाय हे सोंहारी बरा के पाग बर गहुं पिसान सनाय हे तोरई,बरबट्टी आलु अउ चना साग पान रंन्धाय हे पितर नेवता आरा परोस पितर खाय ल बलाय हे दुद भात संग अम्मट कड़ही महर महर ममहाय हे कुकुर बिलई बनके…
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