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कविता

लुए टोरे के दिन आगे

पियंर पियंर डोली खार धान बाली लहलहावत हे लुए टोरे के दिन आगे मांथ ल नवावत हे रापा धरके कांदी छोले बियारा ल चतरावत हे जुड़ा ड़ाढ़ी सुमेला बंडी बईलागाड़ी ल सम्हारावत हे पेरा पुरा के पैरा डोरी बर बरके बनावत हे धान लुए बर हंसिया,बेठ लोहार कर पजवावत हे पात धरके चापे चाप करपा […]

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पुन्नी मेला घुम आतेन

कातिक पुन्नी के मेला भराय चल न मयारु घुमेल जातेन भोले बाबा बर असनान करबो फुलपान केला जल चढ़ातेन लगे रथयं अब्बड़ रेला दरस करके घलो आतेन फोड़तेन नरियर अउ भेला मनके मनौती मांग लेतेन खांसर बईला म बईठके होहो तोतो हांकत दउंड़ातेन संगी जहुंरिया संग जोराके महादेव घाट मेला जातेन लाई मुर्रा चना फुटेना […]

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सुआ नाचेल जाबो

सुआ नाचेल जाबो संगी चलो सुआ नाचेल जाबो तरी हरी मोर सुअना नहा नरी नहा न गाबो संगी संगवारी जुर मिलके माटी के सुआ बनाबो माटी के सुआ शोभा बरनी हरियर रंग म रंगाबो सखी सहेली टोली बनाके चलो सुआ नाचेल जाबो तरी हरी मोर सुअना नहा नरी नहा न गाबो एके रंगके झम्मक लुगरा […]

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देवारी तिहार आवत हे

हरियर हरियर लुगरा पहिरके दाई बहिनी मन नाचत हे आरा पारा खोर गली मोहल्ला सुवा गीत ल गावत हे सुग्हर संदेश के नेवता देवत देवारी तिहार आवत हे घर अंगना कोठा कुरिया पेरौवसी माटी म छबावत हे जाला जक्कड़ खोंदरा कुरिया निसैईनी चड़के झटावत हे लाली सफेद पिंवरी छुही घर अंगना ल लिपावत हे कोल्लर […]

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सुरता तोर आथे

पहाति बिहानिया हो चाहे, संझाति बेरा के बुड़त संझा हो! काम बुता म मन नी लागे, भईगे सुरता तोर आथे! का करवं तोर बिन, ऐको कन मन नई लागे! हर घड़ी बेरा कुबेरा, सुसक सुसक्के रोवाथे! बईहा पगला दीवाना होगेवं, मया म तोर मयारु! अब तो अईसे लागथे, तोर बिन कईसे रहि पांहु! जिनगी जिए […]

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मोर गांव के बजार

आबे वो गोई मोर गांव के बजार, घुमाहुं तोला मैंय हटरी बजार! संगे जाबो मोर गांव के बजार, पहिराहुं तोला वो नवलखिया के हार! खवाहुं तोला मैंय जलेबी मिठई, सुरता राखबे मोर रुद्रीनवागांव के बजार! अउ खवाहुं चना मुर्रा लाई, हफ्ता दिन बुधवार भराथे मोर गांव के बजार! कान बर खिंनवा,हाथ बर चुरी! नाक बर […]

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गांव के सीतला

मोर गांव के सीतला दाई तोर गुन ल गावयं वो तरिया पार म तैंय बिराजे बईगा तोला मनावयं वो अंगना म तोर लाली ध्वजा लहर लहर लहरावयं वो हरियर हरियर बोवाय जंवारा शोभा बरनि न जावय वो श्राद्धा अउ बिस्वास के पुजा मन के मनौति पावयं वो बिनती हमार सुनले दाई सेवा जस तोर गावयं […]

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पितर पाख तिहार म

बैसकी ल मनावत हे पुरखा सियानहिन सियनहा नेवता देके बलावत हे घर मुहाटी पिड़हा म चउंर पिसान पुराय हे तोरई पान म उरिद दार लोटा पानी मुखारी बोराय हे तेलई बईठे बर रोटी पिठा पिसान दार दराय हे पुरखा ल पानी दे बर तरिया घाट म नहाय हे सोंहारी बरा के पाग बर गहुं पिसान […]

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छत्तीसगढ़ के तिज तिहार

हरियर हरेली तिहार मनागे आरी पारी सबहो परंपरा जम्मो तिहार अब आगे हरेली के बाद राखी तिहार बहिनी मन म खुशी छागे भाई बहिनी के मया पिरित रक्षाबंधन डोरी सुंत बंधागे राखी तिहार बाद कमरछठ लईका बर उपास राखथे जन्माष्टमी के दिन दही लुट आठे गोकुल तिहार मनाथे तीजा-पोरा बर बहिनी ल लेनहार तीजा लेवाय […]

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पितर नेवता

पितर पाख तिहार म बैसकी ल मनावत हे पुरखा सियानहिन सियनहा नेवता देके बलावत हे घर मुहाटी पिड़हा म चउंर पिसान पुराय हे तोरई पान म उरिद दार लोटा पानी मुखारी बोराय हे तेलई बईठे बर रोटी पिठा पिसान दार दराय हे पुरखा ल पानी दे बर तरिया घाट म नहाय हे सोंहारी बरा के […]