Suklal Prasad Pandey

दूसर हो जाथे

जे हर पर के प्रान बचाथे तेकर से इस्वर सुख पाथे बुधमता मन सिरतो कहिथे वनिजेच मां लछमी बसथे मनखे-मनखे… Read More

7 years ago

सुकलाल प्रसाद पाण्डेय के छत्‍तीसगढ़ी वर्णमाला गीत

वर्णमाला के स्वर अ के अमली खूबिच फरगे। आ के आंखी देखत जरगे। इ इमान ल मांगिस मंगनी। ई ईहू… Read More

7 years ago