कौशिल्या दाई अउ सृंगी रिसि के पौरानिक भुंइया अउ सिरीराम के करमभुंइया रेहे छत्तीसगढ़ ह अपन बहिनी राज मध्यप्रदेस संग… Read More
कतको सबा,लता,तीजन ह मउत के घाट उतार दे जाथे देखन घलो नइ पावय दुनिया,गरभे म उनला मार दे जाथे बेटा-बेटी… Read More
कइसे कटही जेठ के गरमी लकलक-लकलक सुरूज बरत हे उगलत हवय अंगरा बड़ेेफजर ले घाम उवत हे जरत हवय बड़… Read More
एक दिन कुम्हार ह माटी ल सानके चिलम बनावत रहिसे। चिलम बनावत-बनावत जाने कुम्हार ल काय सुझिस कि ओहा ओ… Read More
मिरिग मरिचका ल पानी समझके झन ललावव, अंधरा बन 'बजारवाद' के नाला म झन बोहावव. नई होवय गोरिया चाहे कतको… Read More
होत बिहनिया कुकरा नरियावय रुख म बइठ चिरई-चिरगुन गावय 'रामसत्ता'के मिसरी कान म घोरावय घर-घर रेडियो रमायन सुनावय मंदिर के… Read More
पहार काट के रद्दा बनइया भुइंया ले पानी ओगरइया भट्टी म तै देह तपइया ईंन्टा-पखरा के डोहरैया खदान ले कोइला… Read More
वा बहनी उर्मिला कमाल कर देस दारु के बिरोध कर कड़ा संदेस दे देस नै करेस जिनगी के सौदा बिहाव… Read More
जिनगी के का भरोसा कब सिरा जही तेल के बढ़ात देरी हे दीया बूता जही दुःख-सुख म सबके काम आ… Read More