इहां होथय सब के मनोकामना पूरन लोकमत हे कि जुन्ना करेला गांव के ” डोंगरी ” म दाई भवानी आदिकाल ले बिराजमान हवै। पर एक ठन कहिनी घलोक बताये जाथे – गाँव पटेल महेन्द्रपाल सिंग के परदादा उमेंदसिंग कंवर गांव के मालगुजार रिहीन। उन हर जेठ के महीना म गांव के कुछ लोगन संग परछी म बइठे रिहीन उही बेरा एक कन्या अइस। ओकर देह भर बड़े माता रिहीस। ओकर चेहरा म तेज अउ माथ म चमक रिहीस। ओहर पड़रा कपड़ा पहिरे रिहीस। ओहर अपन नाव भवानी बतइस अउ मालगुजार…
Read MoreTag: Suresh “Sarved”
देखावा
अकरसहा पानी गिरे लगिस। रामधन फिकर- मगन होगे। ओला समझ नई आवत रिहीस के अब का करे? जेन बइला गाड़ी म ओ बइठे रिहीस ओमा चाउर भराय रहय। ओहर फंसे ओ जघा रिहीस जिहां दुरिहा – दुरिहा ले कोन्हों गांव दिखत नई रिहीस। कोन्हों गांव के तीर म फंसे रिहीतिस त ऊंहा थिरवाव कर सकत रिहीस। छइहां देख के चाऊंर ल भींगे ले बचा सकत रिहीस पर इहां तो दुरिहा – दुरिहा ल सिरिफ खेते – खेत रिहीस। बइला मन गाड़ा ल खींचना चाहत रिहीन पर पानी के बूंद बड़े…
Read Moreमनहरन भइया
खेत के मेढ़ म पांव धरते ही मनहरण के गुस्सा सातवां आसमान म चढ़गे। खेत के धान फसल उनला बैरी जइसन लगे लगीस। खेत म जिहां – जिहां ओकर नजर दउड़िस, ओकर गुस्सा बाढ़ते गीस। ओहर बखुलागे – सब ल जला देहूं। साले मोला बिजरावत हवै। सच म कहे जाय त मनहरन ये सब्द गुस्सा के कारन कही दीस। मनहरन किसान रिहीस अउ ओकर मुख्य काम खेती – किसानी के रिहीस। खेती ओकर जीये खाये के साधन रिहीस अउ कोई अपन रोजी – रोटी बर गुस्साही ? पर मनहरन ल…
Read Moreनियाव के जीत
– बात – बात म लड़े बर तियार, अरे हमला का करना हे ? परदेशिया मंगलू के बारी ल टोरे के कोठार म कब्जा करे। गुणवंती के ताना ल सुन के सुमेर तरमरागे। किहिस – तुम्हरे मन के अइसनेच सोच – बिचार हमला जिंहा के तिंहा ठाढ़े रखे हवै। परदेश ले आथे अउ जम्मों गाँव म अपन राज चलावन लागथे। – तुम्हर एक अकेला के करय ले कुछू होना जाना नहीं। फोकट म अपन लहू ल जरावत रहिथौ। जम्मों गाँव के मुँहू सियाये हे तब तुम काबर अपन मुंहॅू ल…
Read Moreलेखक परिचय : सुरेश सर्वेद
सुरेश सर्वेद जन्म – 07- 02 – 1966 ( सात फरवरी उन्नीस सौ छैंसठ ) पिता – श्री नूतन प्रसाद शर्मा माता – श्रीमती हीरा शर्मा पत्नी – श्रीमती माया शर्मा जन्म स्थान – भंडारपुर ( करेला ), पोष्ट – ढारा व्हाया – डोंगरगढ़, जिला – राजनांदगांव छत्तीसगढ़ वर्तमान पता – सांई मंदिर के पीछे, वार्ड नं. – 16 तुलसीपुर, राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़) मोबाईल – 94241 – 11060 संपादक – साहित्यिक पत्रिका “विचार वीथी “ प्रकाशन – देश के विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में अनेक कहानियों का प्रकाशन एवं आकाशवाणी…
Read Moreगउ हतिया
ननकी कभू सोचे नई रिहीस के ओकर ऊपर अतका बड़े जान पाप थोप दे जाही। अंधियार कोठा म बइठे रिहीस ओहा। कोठा के अंधियारा ले जादा ओला अपन अंतस म अंधियार लगत रिहीस हे। ये अंधियारा ओला लीलत रिहीस। ओकर मन म विचार उठत रिहीस – का सेवा के आइसने परिनाम निकलथे ? का ओहर ओकर हतिया कर सकत हे जेकर ले ओला अपन जान ले जादा लगाव रिहीस हे ? का ओहर अपन सबले प्रिय ल ही अपन से दूरिहा करे के पाप कर सकत हे ? अइसन प्रश्न…
Read Moreछन्नू अउ मन्नू
श्रीकांत ल नवा बइला लेना रिहिस। ओहर आमगांव के बजार गिस। उहां बइला बजार म श्रीकांत बइला मन ल देखन – परखन लगिस। ओला निमेष के दावन म बंधाये बइला जोड़ी भा गे। बइला ब्यापारी निमेष बइला जोड़ी के कीमत बीस हजार बताइस। कहिस – ये मन ल लेके तो देख। अइसन बइला जोड़ी दीया धर के खोजे म नइ मिलही। श्रीकांत, निमेष के बात मं हां ले हां मिलावत रिहिस फेर ओकर कीमत कम करवाये के फिराक म रिहिस हे। निमेष झट छन्नू नाम के बइला के पीठ ला…
Read Moreबनकैना
समारू हा कालू ल घर म बला लाइस। खुसुर – पुसुर आरो सुनके देवबती रंधनी खोली ले अंगना म अइस। ओहर देखीस – ओकर गोसइया समारु के संगे – संग एक झन आदमी कोठा डहर ल झांकत हवै। देवबती ल देख के समारु बताइस – ये कालू आवै। मरहा – खुरहा गाय – बइला मन ल लेथे। – तुम्मन कोठा म एला का देखावत हव। देवबती पूछीस। – बनकैना ल देखावत रहेंव। समारु बताइस। – काबर … ? – बतायेंव न येहर मरहा – खुरहा गाय – बइला लेथे। –…
Read Moreफुटहा छानी
गांव भर चरचा च ले लगिस. अब पंचाइती चुनाव म सरपंच महिला ल चुने जाही. कोन अपन माई लोगन ल चुनाव म उतारही, दिन – रात इही बात होय लगिस. कम पढ़े लिखे गांव म जइसे माईलोगन ल चूल्हा फुंकइया अउ कोरा म बंस बढ़हइया के संग कोरा म लइका खेलइया समझे जाथे ये गांव, उही गांव के श्रेणी म आये. गांव म बइसका होय अउ कोन चुनाव लड़ही ये गोठ आये अउ जाये पर निणर्य नई होय पाय . काबर के कोनो मरद बइठका म अपन घरवाली ल चुनाव…
Read Moreमतलाहा पानी
गाँव म जब ले राजनीति अपन पांव धरिस। गाँव के गाँव जम्मों निर्दयी अउ निष्ठुर होगे। लोक लाज के बात बिसर गे। सुवारथ अउ पाखण्ड अपन अउकात म आ गे। समारु ल राजनीति ले का लेना – देना पर गांव वाले मन ओकर बिगाड़ करे के निश्चय कर ले रहै। दू पारा के लड़ई म ओल पेराय लगीस। सरपंची चुनाव म जेन रामधीन चुनइस उहू समारु ल बदमाश कहाय अउ जउन मंगल हारिस उहू ओला बदमास कहय। समारु के परिवार मं रहय छै सदस्य छै बोट ले जीतिस रामधीन अउ…
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