Sushil Bhole

सुराजी वीर अनंतराम बर्छिहा

सत् मारग म कदम बढ़ाके, देश-धरम बर करीन हें काम। वीर सुराजी वो हमर गरब आय, नांव जेकर हे अनंतराम।।… Read More

11 years ago

बोरे-बासी के दिन आगे..

दही-मही संग बोरे-बासी के लगिन धरागे रे गोंदली संग सुघ्घर झड़के के दिन आगे रे.......... http://mayarumati.blogspot.in/2013/03/blog-post_29.html Read More

11 years ago

ये भोले तोर बिना….

ये भोले तोर बिना.... जिनगी के चार दिना, कटही कइसे मोर जोंही गुन-गुन मैं सिहर जाथौं, ये भोले तोर बिना.....… Read More

11 years ago

बसंत गीत : सुशील भोले

बसंती रंग झूम-झूम जाथे... बगिया म आगे हे बहार, बसंती रंग झूम-झूम जाथे पुरवइया छेड़ देहे फाग, मन के मिलौना… Read More

11 years ago

छत्तीसगढ़ी : कामकाज अउ लेखन के रूप : सुशील भोले

जबले छत्तीसगढ़ी ल राजभाषा के दरजा दे के ए भरोसा जगाये गे हवय के अवइया बेरा म ए ह शिक्षा… Read More

11 years ago

हीरा गंवा गेहे बनकचरा म…

ये ह छत्तीसगढ़ महतारी के दुर्भाग्य आय केवोकर असर हीरा बेटा मनला चुन-चुनके बनकचरा म फेंक अउ लुकाए के जेन… Read More

11 years ago

तोर मेहनत के लागा ल…..

तोर मेहनत के लागा ल..... तोर मेहनत के लागा ल, तोर करजा के तागा ल उतार लेतेंव रे, मैं ह… Read More

12 years ago

एक डंडिय़ा : माटी के पीरा…

ए माटी के पीरा ल कतेक बतांव, कोनो संगी-संगवारी ल खबर नइए। ए तो लछमी कस गहना म लदे हे… Read More

12 years ago

अस्मिता के आत्मा आय संस्कृति

आजकाल ‘अस्मिता’ शब्द के चलन ह भारी बाढग़े हवय। हर कहूँ मेर एकर उच्चारन होवत रहिथे, तभो ले कतकों मनखे… Read More

12 years ago

कवयित्री के गुण / कवयित्री धोंधो बाई

माईलोगिन मन के मुँह ह अबड़ खजुवाथे कहिथें। एकरे सेती जब देखबे तब वोमन बिन सोचे-समझे चटर-पटर करत रहिथें। हमरो… Read More

12 years ago