छत्तीसगढ़ी भाखा ल भले भारत सरकार ह भासा के मान्यता नइ देये फेर येमा जम्मो रस के गीत अउ गोठ समाय हे। तभे तो गीत म ये भाखा सही कोनो मीठ अउ धीरलगहा भाखा नइए केहे हे। मोर भाखा संग दया-मया के, सुग्घर हावय मिलाप रे। अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, ककरो संग झन नाप रे॥ ये भाखा के मिठास अतेक हे ते ककरो संग तुलना नइ करे जा सकय। सिंगार रस म छत्तीसगढ़ी के कतको गीत हे जेला रेडियो अउ पोंगा रेडियो म सुने ल मिलथे जइसे टूरा अपन पिरोहील ल…
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