रोवत हावय महतारी

सहीद के अपमान के एक ठिन अउ घटना …अंतस बड़ हिलोर मारत हे …करेजा म बड़ पीरा…लहू उबाल मारत हे…कोनो के बेटो, कोनो के भाई, कोनो के जोही, कोनो के मया…सहीद होगे….सहीद होगे मोर संगवारी…मोर संगवारी ल समरपित ये गीत…. रोवत हावय महतारी… रोवत हावय महतारी रोवत अंगना-दुवारी हे तोर बिन अब का हे जीना तोर बिन अब का हे जीना सुन्ना मोर फूलवारी हे सुन्ना मोर फूलवारी हे रोवत हावय महतारी…… बहिनी के राखी रोवय रोवय मया के पाखी जोही बिन जिना कइसे जइसे दिया बिन बाती जइसे दिया…

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