रोवत हावय महतारी

सहीद के अपमान के एक ठिन अउ घटना …अंतस बड़ हिलोर मारत हे …करेजा म बड़ पीरा…लहू उबाल मारत हे…कोनो के बेटो, कोनो के भाई, कोनो के जोही, कोनो के मया…सहीद होगे….सहीद होगे मोर संगवारी…मोर संगवारी ल समरपित ये गीत…. रोवत हावय महतारी… रोवत हावय महतारी रोवत अंगना-दुवारी हे तोर बिन अब का हे जीना तोर बिन अब का हे जीना सुन्ना मोर फूलवारी हे सुन्ना मोर फूलवारी हे रोवत हावय महतारी…… बहिनी के राखी रोवय रोवय मया के पाखी जोही बिन जिना कइसे जइसे दिया बिन बाती जइसे दिया…

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बैसाखु के गांधी मिलगे

आज गांधी जयंती आय…. गांधी के सिद्धांत अउ आदर्श के बात होवत हे.. सब कहत हे गांधी के रद्दा म चलना चाही…. फेर वो रद्दा कोन मेर हे, ये कोनों नइ बतात हे… बैसाखु ल इही चिंता खाय जात हे… काबर कि वो गांधी के खोज म जेन निकले हे.. फेर बपरा ल गांधी अभी तक नइ मिले हे… गांधी के जयंती होवय त, या पून्यातिथि होवय त… साल म दू घौ बैसाखु ह एला ले के भारी टेंशन म आ जाथे… नेता ले के अभिनेता तक.. अधिकारी ले के…

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