Vijendra Kumar Verma

आल्हा छंद : झाँसी के रानी

बरस अठारा में रानी ने, भरिस हुंकार सीना तान। भागय बैरी ऐती तेती, नई बाचय ग ककरो प्राण। गदर मचादिस… Read More

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चलनी में गाय खुदे दुहत हन

चलनी में गाय खुदे दुहत हन कईसन मसमोटी छाय हे, देखव पहुना कईसे बऊराय हाबै। लोटा धरके आय रिहीस इहाँ,… Read More

6 years ago

भक्ति करय भगत के जेन

परिया परगे धनहा डोलि, जांगर कोन खपाय। मीठलबरा के पाछू घुमैईया, ससन भर के खाय। बांचा मानै येकर मनके, कुंदरा,… Read More

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पंचू अऊ भकला के गोठ : चुनई ह कब ले तिहार बनगे

पंचू अऊ भकला के गोठ बात चलत रिहिस हे, थोरकिन सुने बर बईठ गेंव पंचू काहत रहय भकला ल, सुन… Read More

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झाड़ फूंक करलौ जी लोकतंत्र के

कोलिहा मन करत हे देखव सियानी, लोकतंत्र के करत हे चानी चानी। जनम के अढहा राजा बनगे, परजा के होगे… Read More

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आल्हा छंद : भागजानी घर बेटी होथे

भागजानी घर बेटी होथ, नोहय लबारी सच्ची गोठ I सुन वो तैं नोनी के दाई, बात काहते हौ जी पोठ… Read More

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महतारी भासा

मातृभासा म बेवहार ह बसथे, इही तो हमर संसकार ल गढथे। मइनखे के बानी के संगेसंग, सिक्छा म वोकर अलख… Read More

6 years ago

सेल्फी ह घर परवार समाज ल बिलहोरत हाबय

समे बदल गेहे जमाना कती ले कती भागत हे तेकर ठिकाना नईये, जमाना सन पल्ला भगैईया हमर मन के मगज… Read More

6 years ago

संबंध मिठास के नांव ताय मड़ई ह

खेत के सोनहा धान ल जब किसान मन बियारा म काटके लाथे, उहा ले मींज के माई कोठी म लाके… Read More

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ईंहा के मनखे नोहय

जिंहा के खावत हे तेकर गुण ल नई गाही, तिरंगा के मया बर अपन लार ल नई टपकाही, वोहा ईंहा… Read More

6 years ago