मय छत्तीसगढ़ के माटी अंव, डोरसा अऊ मटासी अंव। मुड़ी मा ऊपजे धान सोनहा, पावन भुईयां काशी अंव।। मय छत्तीसगढ़… Read More
चलव संगी सुग्घर देवारी तिहार मनाबों, फईले हे मन में अंधियार उहीं ल भगाबों, अऊ दिया हिरदे के देहरी मा… Read More
अभिच के समे म देखले बेटी अऊ बेटा म लोगन मन फरक नई समझय,फेर तभो ले मोला लड़की आंव कईके… Read More
बेटी माई मनके आरूग तिहार ताय तीजा । मईके के मया अऊ दुलार ताय तीजा । पाख लगे हे सपना… Read More
हमर देश होईस अजाद, आजे के दिन, आवव संगी झूमे नाचे बर जाबो। जगा जगा झंडा फहराबो, अऊ आरूग तिहार… Read More
पक्का मकान के आघू म एक ठन झोपड़ी म औरत ह अपन लईका ल भुलवार भुलवार के हड़ीया म सीथा… Read More
आज के बदतर हालत ल देखके अईसन लागथे की मीठ लबरा मन बोलथे भर,अऊ करे कुछु नहीं I ऐकर बोली… Read More
एक मजदूर अऊ किसान के व्यथा अऊ ओकर निःस्वार्थ श्रम ल गीत के माध्यम से उकेरे के कोशिश करे हव… Read More
जाँगर तोड़ कमाये तेहा ग किसान, मरत हाबस तभो ले बनगे हस महान I भुररी असन लेसावत हे तोरो अरमान,… Read More
जोहत हाबन गा नई चाहिबे तभो ले, ये सरकार के बोझ ल ढोए बर पड़थे I अऊ ओकर गलती के… Read More