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कहानी

हमर भाग मानी ये तोर जईसन हितवा हे

आज के समे म कोनो ककरो नई होवय तईसे लागथे,मनखे के गोठ बात बिना सुवारथ के दूसर मनखे नई सुनय I अऊ बात बने सही रईहीं तभो वोकर बात ल कोनों नई गुनय, भाई मन बाटें भाई परोसी होगे हे, एक दूसर बर बईरी का कहिबे एक दूसर ल फूटे आँखी नई सुहावय Iसमे बदल […]

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कविता

का पुरवाही में अईसने जहर घुरे हे

का बतावव काला गोठीयावव, अंतस के पीरा ल कईसे बतावव I कोनों ककरो नई सुनय, मनखे के गोठ ल मनखे नई गुनय I का पुरवाही में अईसने जहर घुरे हे ? संसों लागथे मनखे होय के, कोन जनी कोन ह कतका बेर, काकर गोठ मा रिसा जही I अपनेच घर परवार ल आगी लगा डारही, […]

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गोठ बात

घाम तो घाम मनखे होवई ह बियापत हे

ददा ह मोर, चौरा म बईठ के हमर खेती के कमईया गाँवे के भैय्या पुनऊ करा काहत रहय, पुनऊ ऐसो के घाम ह बाबु बड़ जियानत हे ग, कोनो मेर जाय बर सोचे ले पड़थे I त अतका सुन के पुनऊ ह तिलमिला गे, हमन कईसे करत होबो हमू मन तो मनखे यन कका, तुमन […]

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कविता

कईसन राज ये कका

कईसन राज ये कका ये का होवत हे, ठुड़गा ह हासत हे अऊ हरियर मन रोवत हे। माते मतवना पियत हे दारू, सरकार खोलत हे जगा जगा दूकान तको दुलारू। कतको अपटही कतको मरही, फेर अंधरा मन ल नईये संसो ककरो समारू। अभिचे सुने हौव झोला छाप मन ल तको तंगावत हे, नई पढ़े लिखे […]

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कविता

मया के होरी

आवव संगी खेलबो सुग्हर होली, एके जगा जुरिया के करबो हँसी ठिठोली। कोनो ल लगाबो लाली कोनो ल पीला, पिरित के रंग होथे गहिर नीला। एसो के होरी म जुड़ा ले संगी, अपनेच हिरदे के पीरा ल। न ककरो घर बिरान रहय, न कोनो लईका अनाथ होवय। मया के होली पिरित के होली, इही हमर […]

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संस्मरण

बेटी की हत्या : संस्मरण

वाह रे निष्ठुर आदमी बेटे की चाहत में दो दो बेटियों को माँ की कोख में ही मार डाला, तीसरी जब बेटी पैदा हुई तो उस अभागिन की माँ चल बसीI पिता ने फिर दूसरी शादी रचा ली, दूसरी बीवी से एक बेटा हुआ,पिता और माँ का पूरा ध्यान उस अभागिन पलक से हट कर […]

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कहानी

चिरई चिरगुन अतका तको नईये, वाह रे मनखे

एसो के देवारी गाँव गे रेहेव, गाँव जाथव त तरिया म नहाय के अलगे मजा रहिथे, अईसे लागथे बुड़ के नहाबे त कभू तरिया में नहाय नई रेहेव। नाहवत नाहवत मोर नजर तरिया पार के बंभरी के रूख म गिस जेमे पड़की चिरई ह खोंदरा बनाय रहाय, खोंदरा म दू ठक पिला ह चोंच ल […]

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कविता

बेटी ल झन मारव : विजेंद्र वर्मा अनजान

बेटी हमर जान ये अऊ बेटी हमर शान, सीखव ओकर से सीख अऊ करव ओकर मान, बेटी ल काबर कोख में मारथव रे शैतान I किलकारी ल गुंजन दव अऊ भरन दव उड़ान, धरती म अवतरण दव करव तुमन गुमान, बेटी ल काबर कोख में मारथव रे शैतान I बेटी पढ़ावव,बेटी बढावव,अऊ बढावव ओकर गियान, […]

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कहानी

अपन सुवारथ रईही त मोहलो मोहलो

आज के समे मा कोनों ककरो नई होवय ग, कोन हितवा ये कोन बईरी ये काकर सुवारथ कामे हे समझ नई परयI बिना सुवारथ के कोनो मनखे ककरो तीर नई ओधय, अईसने मोला लागथेI अब देख ले गाँव मा पिछलेच सरपंच चुनई के गोठ आय, सरपंच बने बर नंदलाल भाई ह पूछत पूछत घर आवय,भिलई […]

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कहानी

अड़हा रईतिस तेने बने ददा

हमन ल सुने म बढ़िया लगथे की फलाना के लईका ह बिदेश में रहिथे अऊ बड़का कंपनी म मेनेजर हाबय, पईसा तको अपन देश ले जादा मिलथे। त अईसने मोर ममा गाँव के एक किसान जेकर नाव हाबय किसुन तेकर लईका परमेश्वर बड़ होशियार, एकलौता रिहिस, किसुन ममा ह ओकर सबो फरमाईस ल पूरा करय। […]