मय छत्तीसगढ़ के माटी अंव, डोरसा अऊ मटासी अंव। मुड़ी मा ऊपजे धान सोनहा, पावन भुईयां काशी अंव।। मय छत्तीसगढ़ के माटी अंव। डोरसा अऊ मटासी अंव।।
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देवारी तिहार मनाबों
चलव संगी सुग्घर देवारी तिहार मनाबों, फईले हे मन में अंधियार उहीं ल भगाबों, अऊ दिया हिरदे के देहरी मा जलाबों । तईहा के बात ल छोड़के,आजे कुछु करबों, मया पिरित के गोठ गोठियाके, संगी जहुरियां के हिरदे मा बसबों । पथरा गेहे जेकर आँखी ह, ऊहूँ ल सुग्घर फुलझड़ी धराबों, परब हाबय खुशीके अऊ खुशी के गीत गाबों । ऊँच नीच के परदा ल संगी, आजेच सिरतोन मा गिराबों, नवा अंजोर अऊ नवा बछर असन, सुग्घर देवारी तिहार मनाबों । अईसन भाईचारा अंतस म लाबों, अपन संसकार के अंजोर…
Read Moreबेटी अंव, तेकरे पीरा ह बड़ जियानथे
अभिच के समे म देखले बेटी अऊ बेटा म लोगन मन फरक नई समझय,फेर तभो ले मोला लड़की आंव कईके मोर मन ह रहि रहि के जियानथे। मेंहा नानपन ले मोर महतारी के दुख अऊ तकलीफ ल देखत आवत हौ, हमर नानकुन परवार में मोर माँ,बाबू,तीन झन बहिनी अऊ चौथईया मा नानुक सबले छोटे भाई,माने तीन तीन बहिनी के बाद तको लड़का अवतरही कहिके फरक करईया वोकर सोच ल गुनथव त मोला अबड़ पीरा होथे। फेर काय करबे भाई के जनम के दू साल बाद मोर बाबु ह सरगवासी हो…
Read Moreतीजा के अगोरा
बेटी माई मनके आरूग तिहार ताय तीजा । मईके के मया अऊ दुलार ताय तीजा । पाख लगे हे सपना मा जईसन उड़ान ताय तीजा । संगी जहुरियां सखी सहेली के मिलान ताय तीजा । करू भात अऊ करेला के सुग्हर साग ताय तीजा । फेर निरजला उपास के घलो नाव ताय तीजा । मईके के फरिया के तको मान ताय तीजा । गाँव के आबो हवा में घुले एक मिठास ताय तीजा । ससुरार के सुख दुख ल छाँव मा बिसरायके गोठ ताय तीजा । दाई के देहरी अऊ…
Read Moreझंडा फहराबो
हमर देश होईस अजाद, आजे के दिन, आवव संगी झूमे नाचे बर जाबो। जगा जगा झंडा फहराबो, अऊ आरूग तिहार मनाबो। लईका लोग अऊ सियान, सुन ग मोर मितान, संसकिरती अऊ माटी के, मान ल सुग्घर बढ़ाबो। हमर सियान के सियानी रद्दा म, सोजे सोज जाबो। अतलंगी करैया मनखे ल, मया के भाखा सिखाबो। पुरखा के हमर सपना ल, मिर जुर के संजोबो। जग जग ले होवय ऊँजयारी, झन रहाय कोनों मुड़ा अंधियारी। कोनों मत रहाय फाका म, ककरो मत होवय लचारी। सिरतोन म अईसन, आरूग तिहार मनाबो, अऊ जगा…
Read Moreनान्हें बियंग कहिनी: मोला कुकुर बना देबे
पक्का मकान के आघू म एक ठन झोपड़ी म औरत ह अपन लईका ल भुलवार भुलवार के हड़ीया म सीथा ह चिपके रिहिस हे,तेला खवावत रहायI लईका ह नानुक अघाय भूखाय सीथा म पेट ह नई भरत रिहिस,अऊ घेरी बेरी दौड़त दौड़त पक्का मकान ल झांक के आवय Iओकर माई ह काहते रहाय काबर घेरी बेरी येती वोती भागत हस बेटा,त लईका ह बोलथे,माई एक ठन सवाल पुछव,पूछ बेटा फेर ज्यादा इतरा मत जेन हे वोला चुपे चाप खा Iलईका ह बोलथे माई,माई मनखें मन के अऊ दुबारा जनम होथे…
Read Moreभोरहा में झन रईहूँ
आज के बदतर हालत ल देखके अईसन लागथे की मीठ लबरा मन बोलथे भर,अऊ करे कुछु नहीं I ऐकर बोली अऊ भाखा के जाल में फस के हमर किसान,जवान,मजदूर मन के जिनगी जिवई ह दूभर होगे हे Iओकर सेती पीरा ल एकर जान के सचेत रेहे बर काहत हौ – भोरहा में झन रईहूँ ए मीठ लबरा के पीछू म, मत जाबे ग किसान I पेर के तोला रख दिही, अऊ कर दिही पिसान I लईका लोग मनखे मन, अऊ सुनव ग मितान I ऐकर भोरहा म परहू त, निकल…
Read Moreमर जबे गा संगवारी
एक मजदूर अऊ किसान के व्यथा अऊ ओकर निःस्वार्थ श्रम ल गीत के माध्यम से उकेरे के कोशिश करे हव – विजेंद्र कुमार वर्मा गाड़ा म बैला फाद के कहा, ले जाथस ग ईतवारी, मत जाबे तै संगवारी मर जाबे तै संगवारी पेट ल फोड़ा पार के तेहा, हाथ म धरे कुदारी मत जाबे तै संगवारी मर जाबे तै संगवारी नईये पुछैया मरहा मन के, भोगाय हे पटवारी मत जाबे तै संगवारी मर जाबे तै संगवारी बनी भूती खेत खार ह सपटथ हे अऊ फूलवारी मत जाबे तै संगवारी मर…
Read Moreमोर भुईयां के भगवान
जाँगर तोड़ कमाये तेहा ग किसान, मरत हाबस तभो ले बनगे हस महान I भुररी असन लेसावत हे तोरो अरमान, टेटकत अऊ सेकावत हे तोरो येदे परान I तभो ले तेहा संगी भुईयां के भगवान I जिनगी म नईये तोरो कोई मुकाम, कईसे रहिथस गाँव में तेहा ग सियान I काकर बर करथस तेहा अतेक काम, का सेवक मन बना दिस तोला गुलाम I मन के मालिक रेहेव ग किसान, अब का होगे मोर भुईयां के भगवान I कईसे सजोवव तोला ग जजमान, संजोते सजोवत ऊड़ जाही मोरो दुऊकान I…
Read Moreजोहत हाबन गा अउ झन भुलाबे
जोहत हाबन गा नई चाहिबे तभो ले, ये सरकार के बोझ ल ढोए बर पड़थे I अऊ ओकर गलती के सजा, हमर सेना ल भुगते ले पड़थे I न्याय होही कईके जोहत रहिबे, अऊ अन्याय ह सफल होथे I सबर के बाण टूटथे त, माटी ह मोर लहुलुहान होथे I ये कईसन राज काज हे भाई, गूंगा ल भैरा से लड़ाथे I अऊ दुनो कोई अन्धाधुन गोली बरसाथे I मेहा जोहत हौ संगवारी, कभू तो शांत होही दुवारी I ऐ लुका छिपी के खेल में, कब रुकही बहत खून के…
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