कईसन जमाना आईस ददा, गाँव ह घलो लुकागे I बड़का बड़का महल अटारी म, खेत खार ह पटागे I नईये ककरो ठऊर ठिकाना, लोगन ल बना दिस जनाना I नेता मन के खोंदरा बनगे, छोटकुन के आसरा ओदर गे I चिटकिन रुपिया देके, ठेकेदार अऊ नेता तनगे I गवई ल शहर बनाके, कईसन कईसन गोठीयाथे […]
Categories