बर, पीपर अउ लीम के बढिया होतिस छांव बबा, दाई मन कहिनी सुनातिन सुनतिस जम्मो गांव। हरेली, तीजा, पोरा, देवारी जेठौनी, होरी बने मनातेन भोजली, सुवा, करमा, ददरिया एक्के सुर म गातेन। सपना होवत जात हे संगी का मैं तोला बतावं जुर मिल के गोठियातिन सुग्घर अईसन गांव कहां ले लांव बर, पीपर अउ लीम के…। खेत-खार अउ रुख रई मं चिरई, चुनगुनातिन नदिया, नरवा धार बोहाके सातो सुर म गातिन। अइसन सुघ्घर गांव ल देख के देवता धामी के रूक जातिस बढ़त पांव सरग जइसे रहितिस सुग्घर मोर गंवई…
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- Vishwambhar Prasad Chandra