तोर बोली कोयली जइसन हे। रेंगना डिट्टो मोना जइसन हे। का बताँव मोर मयारू, तोर आँखी मिरगीन जइसन हे। बेनी गथाय करिया करिया, दिखत घटा बादर जइसन हे। तोर गाल हा मोर जोहि, सिरतो गुलगुल भजिया जइसन हे। तोर ओंठ के लाली हा गोरी, लाल गुलाब जइसन हे। तोर कतका करँव बखान जँवारा, रूप हा राधा रानी जइसन हे।। युवराज वर्मा “बरगड़िया” साजा बेमेतरा 9131340315
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छत्तीसगढ़ी प्रेम गीत
काबर तै मारे नयना बान, गोरी तै मारे नयना बान। जीव ह मोर धक ले करथे, नई बाचे अब परान। काबर तै मारे……….. अँतस के भीतरी म, आके जमाये डेरा। अब्बड़ तोर सुरता आथे, दीन रात सबो बेरा। नई देखव तोला त जोहि, तरस जथे मोर चोला। काबर तै मारे नयना…… आजा मोर संगवारी , सुग्घर जिनगी बिताबो। मया पिरित के कुरिया, संगी मिल दोनों बनाबो। पाव के तोर पैइरी ल, छुनुर छुनुर बजाके। काबर तै मारे……… युवराज वर्मा बरगड़िया साजा 9131340315
Read Moreजेठ के कुहर
जेठ के महीना आगे, कुहर अब्बड़ जनावत हे। घाम के मारे मझनिया कून, पसीना बड़ चूचवावत हे। सुरूज नरायन अब्बड़ टेड़े, रुख राई घलों सुखावत हे, येसो के कूहर में संगी, जीव ताला बेली होवत हे। सरसर सरसर हवा चलत हे, उमस के अबड़ बड़हत हे। तरिया नरूआ सुख्खा परगे, चिरई चिरगुन ह ढलगत हे। कुआ बावली के पानी अटागे, पानी पिए बर तरसत हे। सुरुज देवता के मुहू ले घाम, आगी असन बरसत हे। धरती दाई के कोरा ह, तेल असन डबकत हे। इहा रहइया परानी मन, कुहर उमस…
Read Moreअकती तिहार
चलव दीदी चलव भईया, अकती तिहार मनबोन ग। पुतरी पुतरा के बिहाव करबो, मड़वा ल गडीयाबोन ग। कोनो लाबो डारा पाना, कोनो तोरन बनाबोन ग। चलव लीपव अंगना परछी, अकती तिहार मनाबोन ग। चलव सजाबो दूल्हा दुल्हीन, सुरघर महेंदी लगाबोन ग। दुदुंग दुदूंग बजही बाजा, दूल्हा दुल्हीन ल नचवाबोन ग। अकती के दिन सबले बढ़िया, चलव सुरघर टिकावन टिकबोन ग। अकती दिन महुरत लगे न सहुरत, चलव बर बिहाव ल करबोन ग। युवराज वर्मा बरगड़ा (साजा) जिला बेमेतरा
Read Moreपानी हे जिंदगानी
कोनो तो समझ, का चीज ये पानी । जिए के एक ठन चीज, किथे ओला पानी। गांव गली सड़क नाला, झन बोहावव पानी ल। जिए पिए के काम आहि, ओ दीन मांगहू पानी ल। पानी बिना हे बन ह सुन्ना, चिरई चिरगुन उन्ना जी। पानी बचाबोन नई बोहावन, छोड़बो करनी जुन्ना जी। एक दिन अईसे आही जी, सबो परानी पछताबो जी । पानी बचबो पेड़ लगाबो, तभे जिनगी ल पबो जी। युवराज वर्मा बरगड़ा (साजा) जिला बेमेतरा 9131340315
Read Moreबेटी ल बचाबो
जग म आए के पहली , झन मारव कोनो बेटी ला। दुख म सुख म काम आते, झन धुतकारव बेटी ला। बेटी बिना हे जग ह सुन्ना, अऊ सुन्ना घर दुआर परछी ग। झन डालव कोनो गोड म बेड़ी, उड़ान दे बनके पनछी ग। पढ़न लिखन दे मन के ओला, करव झन कोनो सोसन ग। पढ़ लिख के ओ नाम कमाही, करही दाई ददा के नाम रोसन ग। बेटी बचाबो बेटी पढ़ाबो, इही नारा ल अपनाबो ग। नारी शक्ति ल जोर दे बर, कुछू करम ल अपनाबो ग। युवराज वर्मा…
Read Moreबुढ़वा लइका पांव पखारत हे तोर
सज गे तोर दरबार दाई, जल गे जोत हजार । चैत नवत्रत आगे दाई, मनावन जवरा तिहार। जय होवय डोंगड़गढ़हीन, कइथे तोला सब बमलाई। रतनपुर म बइठे हावय, दुःख हरइया महमाई। नव दीन के नवरात हे, जोत जवारा बोवाथे वो। सेउक तोर सेवा करत हे, मनवांछित फल पाथे वो। नव दीन ले तै रईथस माई, नव ठन हे अउ रूप। जय होवय तोर नव रूप मई, जलावव आगरबत्ती अउ धुप। मोर शीतला महमाया बरगड़ा के, तोर अंगना म जलत हे जोत। गांव म लगे मोर मैया के दरबार, बुढ़वा लइका…
Read Moreप्रेम रंग
प्रेम रंग में अइसे रंगाहु तोला प्रेम रंग में। कभू झन निकले गोरी। मोर मया के रंग ह वो।। मया बढ़ाये रइबे। झन छूटे संग ह वो।। एसो के होली म गोरी। रंग गजब लागहु वो।। आके तोर पारा म गोरी। रंग तोला लागहु वो।। झन छूटे मया ह गोरी। एसो के होली म वो।। संगी साथी संग म आहु। खेले बर होली वो।। लाल हरा पिला गोरी। रंग गुलाल उड़ा बोन वो।। जलईया ल जलन दे। मजा दोनों उड़ा बोन वो।। युवराज वर्मा ग्राम -बरगड़ा(साजा) जिला-बेमेतरा(छःग) मो.9131340315 [responsivevoice_button voice=”Hindi…
Read Moreजय छत्तीसगढ़ महतारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा मा । बसे जम्मो परानी हे।। दाई बबा सुनाए रीहिस। मोला येखर कहानी हे।। तोर भुइया म वो दाई । खेत खार लहरावत हे।। तभे तो दाई ये भुइया ह दाई। धान कटोरा कहावत हे।। महतारी के कोरा बरोबर । सब मनखे ल राखे हस।। सबो परानी सेवा करे तोर । दया मया ल राखे हस।। छत्तीसगढ़ के माटी ल दाई। चंदन माथ मै लगाथव वो।। जय छत्तीसगढ़ महतारी। तोर चरण म माथ नवावत हाव।। छत्तीस हावय तो गड़ वो दाई। छत्तीस भोग लगवाव वो।।…
Read Moreअतेक झन तरसा रे बदरा।
अतेक झन तरसा रे बदरा। बने तै बरस जा रे।। उमड़त घुमड़त के आथस तै। कते मेर लुका जथस रे।। किसान सबो तोर रद्दा जोहत। बइठे मेड़ पारे म ।। अतेक झन तरसा बादरा…. दू बरस ले तै कहा लुकाय। ये बरस तो दरस दिखा जा रे।। अब्बड़ सुने रेहेंव तोर सोर। गरज गरज बरसते कयके।। जलदी तै आजा रे बदरा। खेत खार छलका दे रे।। अतेक झन तरसा रे बदरा। बने तै बरस जा रे।। युवराज वर्मा ग्राम – बरगडा तह, – साजा जिला – बेमेतरा (छत्तीसगढ़) [responsivevoice_button voice=”Hindi…
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