तोर बोली कोयली जइसन हे। रेंगना डिट्टो मोना जइसन हे। का बताँव मोर मयारू, तोर आँखी मिरगीन जइसन हे। बेनी… Read More
काबर तै मारे नयना बान, गोरी तै मारे नयना बान। जीव ह मोर धक ले करथे, नई बाचे अब परान।… Read More
जेठ के महीना आगे, कुहर अब्बड़ जनावत हे। घाम के मारे मझनिया कून, पसीना बड़ चूचवावत हे। सुरूज नरायन अब्बड़… Read More
चलव दीदी चलव भईया, अकती तिहार मनबोन ग। पुतरी पुतरा के बिहाव करबो, मड़वा ल गडीयाबोन ग। कोनो लाबो डारा… Read More
कोनो तो समझ, का चीज ये पानी । जिए के एक ठन चीज, किथे ओला पानी। गांव गली सड़क नाला,… Read More
जग म आए के पहली , झन मारव कोनो बेटी ला। दुख म सुख म काम आते, झन धुतकारव बेटी… Read More
सज गे तोर दरबार दाई, जल गे जोत हजार । चैत नवत्रत आगे दाई, मनावन जवरा तिहार। जय होवय डोंगड़गढ़हीन,… Read More
मोर छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा मा । बसे जम्मो परानी हे।। दाई बबा सुनाए रीहिस। मोला येखर कहानी हे।। तोर… Read More
अतेक झन तरसा रे बदरा। बने तै बरस जा रे।। उमड़त घुमड़त के आथस तै। कते मेर लुका जथस रे।।… Read More