ठाकुर प्यारेलाल सिंह छत्तीसगढ़ म मजदूर मन के अधिकार खातिर आंदोलन के बाना उचईया पहिली मनखे रहिन। इंकर जनम 21 दिसम्बर 1891 को राजनांदगांव जिलाा के दैहान गांव म होए रहिस। इंखर पिताजी के नाम दीनदयाल सिंह अउ माताजी के नाम नर्मदा देवी रहिस। इंखर पढ़ई-लिखई राजनांदगांव अउ रायपुर म होईस। नागपुर अउ जबलपुर म इमन कालेत के पढ़ई करके 1916 म वकालत के परीक्षा पास करिन। लईकई ले ही आप अड़बड़ होसियार रहेव अउ राष्ट्रीय विचारधारा ले ओत-प्रोत रहेव।
1906 म बंगाल के क्रांतिकारी मन के संपर्क म आके क्रांतिकारी साहित्य के प्रचार आरंभ करेव अउ पढ़ईया लईका मन न सकेल के संगठित कर के जुलूस निकलवात रहेव अउ जुलुस म वन्देमातरम् के नारा लगवात रहेव। 1920 म राजनांदगांव के बीएनसी मिल के मिल-मालिक मन के मजदूर मन के शोषण कराई ल देख के मिल मालिक मन के विरुद्ध आप आवाज उठायेव, जेमा मजदूर मन के जीत होईस।
1925 ले आप रायपुर म जा के रहे लागेव। आप छत्तीसगढ़ म हिन्दू-मुस्लिम एकता, नमक कानून तोड़ना, दलित उत्थान जईसे कई काम के संचालन करेव। देश सेवा करत आप कई पईत जे जेल गएव। आपके मनोबल तोड़ेे खातिर आपके घर म छापा मारके जम्मो सामान ल कुर्क कर देहे गईस, तभो लेे आप नइ्र डिगेव।
आप 1937 म राजनीति के उठा-पटक के पाछू रायपुर नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गएव। 1945 म छत्तीसगढ़ के बुनकर मन ल संगठित करे खातिर आपके नेतृत्व म छत्तीसगढ़ बुनकर सहकारी संघ के स्थापना होईस। प्रवासी छत्तीसगढ़िया ल शोषण अउ अत्याचार ले मुक्त कराये के दिशा म घलव आप अड़बड़ काम करेव।
वैचारिक मतभेद के कारण सत्ता पक्ष ल छोड़के आप आचार्य कृपलानी के किसान मजदूर पार्टी म शामिल घलव होएव अउ 1952 म रायपुर ले विधानसभा बर चुने गएव अउ विरोधी दल के नेता बनेव। विनोबा भावे के भूदान अउ सर्वोदय आंदोलन ल आप ह छत्तीसगढ़ म बढ़ायेव। 20 अक्टूबर 1954 के दिन भूटान यात्रा के बेरा म बीमार हो जाये ले आपके निधन हो गए। छत्तीसगढ़ शासन ह उंखर सुरता म सहकारिता म उत्कृष्ट प्रदर्शन खातिर ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान स्थापित करे हे।
– संजीव तिवारी
चित्र साभार वीरेन्द्र बहादुर सिंह