बहुत जुन्नस बात आय। एक गांव में सात भाई अउ एके झन बहिनी के परिवार रहय। सब ले छोटे भाई… Read More
-वीरेन्द्र सरल एक राज मे एक राजा राज करय। वो राज म अन्न धन, गौ लक्ष्मी कुटुंब परिवार के सब… Read More
वीरेन्द्र सरल बहुत जुन्ना बात आय। एक गांव म एक गरीब महराज महराजिन रहय। महराज गांव गांव किंजर के भिक्षा… Read More
- वीरेन्द्र सरल एक गाँव म एक झन डोकरी रहय। ओखर एक झन बेटा रहय, नाव रहय कल्लू। कल्लू ह… Read More
- वीरेन्द्र सरल एक राज मे एक झन राजा राज करय। राजा के तीन बेटा रहय। दु झन बेटा के… Read More
रेंगत-रेंगत कारी भइंस किहिस सिरतोन मं बहिनी हमर मन के जनम तो दुहायच बर होय हावे। न चारा न पानी,… Read More
-वीरेन्द्र सरल एकेच दो साल पहिली बने नवा सरकारी भवन के छत उपर गर्मी भर मनमाने बोरझरी और बमरी कांटा… Read More
हमर छत्तीसगढ़ी म एक ठन हाना हे 'ढोल तरी पोल अउ मशाल तरी अंधियार' व्यंग्य लेखक मन इही अंधियार अउ… Read More
एक गांव म एक साहूकार रहय। साहूकार के सोला साल के सज्ञान बेटी रहय। साहूकार के पूरा परिवार धार्मिक रहय।… Read More