Vittal Ram Sahu “Nischhal”

हेलमेट के भूत

हमर मइके रइपुर म नवा रहपुर बन गे हे, तेन ल तो तेहां जानत हस। टूरा के दाई ह अपन… Read More

7 years ago

बेंगवा के टरर-टरर

एक समे के बात ये, पानी नी गिरीस। अंकाल पर गे। सब कोती हाहाकार मचगे। सब ले जादा पानी म… Read More

10 years ago

खने ला न कोड़े ला, धरे ल खबोसा

हाना म कहिनीएक साहार म एक झन आदमी राहाय। ओ कहिथे- भगवान हा सब झन ल अमीर बनाए हे,भला मुहीच… Read More

13 years ago

छत्तीसगढ़ी हायकू

बिन पानी के।सावन-भादो! जेठ।मन उदास।x ठग-ठग के।तैं बिलवा बादर।कांहां बुलबे?x बिगन पानी।कइसे होही खेती।संसो लागथे।x बिचारे हस?निरदई बादर।मन के पीरा।x… Read More

14 years ago

अंधरी के बेटा – विट्ठलराम साहू ‘निश्छल’

एक झन राजा रिहिस। ओ हा अपन राज म बजार लगवाय। ओखर फरमान रिहिस कि जऊन जिनिस हा सांझ के… Read More

15 years ago

जोड़ी! नवलखा हार बनवा दे

''मोर चेहरा के उदासी ह परोसी मेंर घलो नइ दोबईस। मोला अतक पन उदास कभू नई देखे रिहीस होही। परोसी… Read More

15 years ago

मोर सुआरी परान पियारी

''संसार के सब दाई-ददा हा बहू, बेटा, नाती -नतरा के सुख भोगे के सपना देखथे। ओ मन रात -दिन इही… Read More

15 years ago