यशपाल जंघेल किसनहाचलो रे चलो संगी पेड़ लगाबो रेकहिनी : हिरावनआगे दिन जाड़ केसतनाम सार हेकहिनी : दहेज के विरोधकहिनी : धुरंधर महाराजकहिनी : चटकनकहिनी : चटकनकहिनी : दूध भात