Yashpal Janghel Kisanaha

चलो रे चलो संगी पेड़ लगाबो रे

कोनो धरौ रापा संगी कोनो धरौ झउहा एक ओरी आमा अऊ दूई ओरी मउहा धरती दाई ला हरियाबो रे चलो… Read More

12 years ago

कहिनी : हिरावन

'हिरावन बारवीं म मेरिट म पास होईस। फेर नेमसिंग, हिरावन ल आगू नई पढ़इस। सोचिस 'जादा पढ़े-लिखे ले मनखे अलाल… Read More

13 years ago

आगे दिन जाड़ के

डोकरी दाई बइठे बिहना ले, गोरसी ल पोटार केझांपी ले निकार कमरा डेढ़ी, आगे दिन जाड़ केखटिया ले उठई ह,… Read More

13 years ago

सतनाम सार हे

झन काहा तोर मोर,मतलभिया संसार हे।भज ले रे सतनाम।इहां सतनाम सार हे॥झन बिसराव ठीहा ल,जब तक हवे सांस ह।सत के… Read More

13 years ago

कहिनी : दहेज के विरोध

आज के ये दहेज प्रथा ह सुरसा रक्सिन कस मुंहुं ल उलाके हमर सइघो समाज ल लीलत हवय। ये दहेज… Read More

13 years ago

कहिनी : धुरंधर महाराज

कपड़ा के नांव म कनिहा म नानकुन कपड़ा लटके के रिहिस। चुंदी छरियाय रिहिस। तन बिरबिट करिया। दांत निकले।जाड़ म… Read More

13 years ago

कहिनी : चटकन

'ओ खाली परिया जमीन म न मंदिर बनाए जाय न मस्जिद बनाए जाय। ओमा एक अइसे आसरम बनाए जाए जेमा… Read More

13 years ago

कहिनी : चटकन

'ओ खाली परिया जमीन म न मंदिर बनाए जाय न मस्जिद बनाए जाय। ओमा एक अइसे आसरम बनाए जाए जेमा… Read More

13 years ago

कहिनी : दूध भात

डोकरा काहत रिहिस दूध भात खाहूं कहिके। उही पाय के लोटा ल धर के दूध मांगे बर आए हंव। होही… Read More

13 years ago