राज्य सरकार ह खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 म न्यूनतम समर्थन मूल्य म उपार्जित धान के कस्टम मिलिंग नीति के संबंध म विस्तृत दिशा-निर्देश पाछू महीना के चार तारीख को जारी करे हे। पहिली जारी नीति म कस्टम मिलिंग उपर प्रोत्साहन राशि अउ मिलर तिर कस्टम मिलिंग के पाछू बचत एक भरती बारदाना के व्यवस्था म संशोधन करे गए हे। संशोधित नीति खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग कोति ले मंत्रालय (महानदी भवन) ले प्रदेश के जम्मो जिला कलेक्टर मन ल काली 24 नवम्बर को जारी कर देहे गए हे।
संधोशित परिपत्र के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 म उपार्जित अउ राज्य शासन कोति ले संधारित शासकीय धान के अरवा-उसना कस्टम मिलिंग उपर भारत सरकार कोति ले निर्धारित कस्टम मिलिंग दर के उपरहा प्रोत्साहन राशि प्रदाय करे जाही। एकर बर मिलर कोति ले मिल के दो महीना के मिलिंग क्षमता ले कम धान के अरवा मिलिंग करके जम्मो चावल जमा करे म कोनो प्रोत्साहन राशि देय नइ होवय, केवल भारत शासन कोति ले निर्धारित कस्टम मिलिंग दर देहे जाही। फेर विशेष परिस्थिति मन म धान उपार्जन एजेंसी कोति ले मिलिंग बर धान उपलब्ध नइ कराए जाये के अवस्था आदि म प्रबंध संचालक मार्कफेड कोति ले प्रकरण के पहिली परीक्षण के बाद गुण दोष के आधार म मिलर कोति ले मिल करे गे धान के मात्रा उपर दू महिना के मिलिंग क्षमता के बराबर धान मिल करे म निर्धारित प्रोत्साहन राशि प्रदाय करे जाही।
मिलर कोति ले मिल के दू महिना के मिलिंग क्षमता के बराबर धान के कस्टम मिलिंग कर जम्मो चावल जमा करे म अरवा कस्टम मिलिंग बर 30 रूपए प्रति क्विंटल के प्रोत्साहन राशि प्रदाय करे जाही। मिलर कोति ले मिल के दू महिना के मिलिंग क्षमता ले जादा अउ छै महिना के मिलिंग क्षमता तक धान के कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करे म अरवा कस्टम मिलिंग बर 40 रूपए प्रति क्विंटल अउ उसना कस्टम मिलिंग बर 10 रूपए प्रति क्विंटल के मान ले प्रोत्साहन राशि देहे जाही। ये राशि दू महिना के मिलिंग क्षमता ले अकतिहा मिलिंग करके जमा करे गए चावल के मात्रा के धान उपर प्रदाय करे जाही। मिलर कोति ले मिल के छै महिना के मिलिंग क्षमता ले जादा धान के कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करे म अरवा कस्टम मिलिंग बर 45 रूपए प्रति क्विंटल अउ उसना कस्टम मिलिंग बर 15 रूपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देहे जाही। ये राशि छै महिना के मिलिंग क्षमता ले अकतिहा मिलिंग कर जमा करे गए चावल के मात्रा के धान उपर प्रदाय करे जाही।
परिपत्र के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 म मिलर मन तिर बांचे एक भरती बारदाना मन ल मिलर मन के जवाबदारी म रखे धान उपार्जन एजेंसी (मार्कफेड) के परिसंपत्ति मानत उखंर उपयोग अवइया खरीफ विपणन वर्ष म धान खरीदी बर लेहे जाही। मिलर मन के तिर बांचे अइसे एक भरती बारदाना मन के कटौती के दर भारत सरकार के निर्देशानुसार बारदाना मन के लागत 64 रूपए 64 पइसा प्रति नग के 62 प्रतिशत (40.10 रूपए प्रति नग) के मान ले सुरक्षा निधी के रूप म धान उपार्जन एजेंसी मेर रखे जाही। येमा ले 50 प्रतिशत राशि बैंक गारण्टी के रूप म अउ 50 प्रतिशत राशि मिलर ल देय भुगतान ले कटौती करके रखे जाही। अवईया खरीफ विपणन वर्ष म अइसे एक भरती बारदाना मन के उपयोग मिलर ह करही त द्वितीय अवक्षयन (38 प्रतिशत की दर ले) के पाछू बारदाना मन के मूल कीमत के 24 प्रतिशत राशि के कटौती करत बांचे राशि मने सुरक्षा निधि अउ दू पईत अवक्षयित बारदाना के मूल्य के अंतर के भुगतान मिलर ल करे जाही। ये तरा ले मिलर ल 15 रूपए 24 पैसे प्रति नग के मान ले राशि वापस करे जाही। अइसे दू भरती बांचे बारदाना मन ल मिलर के परिसम्पत्ति माने जाही।
मिलर मन के जवाबदारी म रखे गए एक भरती बारदाना मन के भौतिक सत्यापन शासन ह निर्धारित समिति के माध्यम ले करही। ये समिति म भारतीय खाद्य निगम के प्रतिनिधि घलव होही। भौतिक सत्यापन म अइसे एक भरती बारदाना मन के गुणवत्ता के परीक्षण भारत सरकार के मापदण्ड के अनुसार करे जाही। भारत सरकार ल ये प्रकार के एक भरती बारदाना मन के उपयोग के संबंध म आवश्यक जानकारी, उपलब्धता के स्रोत, मात्रा अउ उपयोग के उद्देश्य अगले खरीफ वर्ष म बलाए जवईया अग्रिम योजना बैठक म जरूरी रूप ले प्रस्तुत करे जाही। भौतिक सत्यापन के पाछू मिलर मन ये बारदाना मन ल धान उपर्जान के पहिली अइसे सहकारी समिति मन म जमा कराये जाही, जेकर से मिलर ल मार्कफेड कोति ले टैग करे गए हो। सहकारी समिति म वो बारदाना मन के आए के पाछू फेर से गिनती करके समिति मॉड्यूल म जरूरी प्रविष्टि करे जाही। धान उपार्जन बर दुबारा उपयोग के पाछू अइसे बारदाना मन ल मिलर मन के परिसम्पत्ति माने जाही।
परिपत्र में कहे गे हे कि खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 के नीति के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 के मिलर मन तिर बांचे एक भरती बारदाना मन के घलव ये साल धान उपार्जन म उपयोग करे जाही। मार्कफेड ह मिलर मन तिर खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 के उपलब्ध लगभग 32 हजार गठान एक भरती जूट बोरा मन के भौतिक सत्यापन करए हे। इकर उपयोग घलव इही नीति के तहत करे जाही। मने खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 के मिलिंग के पाछू मिलर मन तिर बांचे एक भरती जूट बारदाना मन के दर नवा जूट बारदाना के लागत (53.15 रूपए प्रति नग) के 62 प्रतिशत मने 32 रूपए 95 पइसा होथे। ये बारदाना के उपयोग खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 म करे जाए म प्रति नग मिलर म अवक्षयन दर 38 प्रतिशत मने 12 रूपए 52 पईसा होथे। वर्ष 2015-16 म एक भरती बारदाना मन के कटौती म मिलर मन ल 9 रूपए 44 पईसा प्रति नग के सब्सिडी देहे गए हे। अइसे मिलर मन जउन वर्ष 2015-16 के एक भरती बारदाना वर्ष 2016-17 म धान उपार्जन बर उपलब्ध कराहीं, उमन ल सब्सिडी राशि 9 रूपए 44 पईसा के लाभ देवत दू पइत अवक्षयित बारदाना के अधिशेष राशि 12 रूपए 52 पइसा प्रति नग के भुगतान करे जाही। एकर पाछू अइसे बचत बारदाना मिलर के परिसंपत्ति होही।
परिपत्र म जमो जिला कलेक्टर मन ल अउ प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) ल संशोधित नीति के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करे के निर्देश देहे गए हे।