राजिम, 28 जनवरी, 2017। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पांचवा सम्मेलन के पहिली दिन बिहनिया नेवताए माई पहुना मन कार्यक्रम के उद्घाटन करिन अउ नेवताए विशेष सगा मन के सम्मान करे गीस। ओकर पाछू छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सहयोग ले प्रकाशित पुस्तक शिव महापुराण, अनुवादक – श्रीमती गीता शर्मा अउ कातिक महात्म, अनुवादक – श्रीमती गिरजा शर्मा के संगें-संग आन साहित्यकार मन के पुस्तक के विमोचन होईस।
कार्यक्रम के पहिली सत्र म संत कवि पवन दीवान के उपर चरचा गोष्ठी होईस तेखर विसय रहिस ‘संत कवि पवन दीवान : छत्तीसगढ़ पृथक राज्य आंदोलन, साहित्य अउ समाज’ येखर अध्यक्षता डॉ. विनय कुमार पाठक, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग करिन। ये विसय के वक्ता रहिन कृष्णा रंजन, डॉ.विमल कुमार पाठक, श्री मुकुंद कौशल, डॉ.परदेशी राम वर्मा अउ श्री रवि श्रीवास्तव। कार्यक्रम के दूसरा सत्र के विसय रहिस ‘छत्तीसगढ़ी अउ ब्रजभाषा म अंतर्सबंध’ जेेमा आगरा ले पधारे विद्वान डॉ. राकेश मधुकर बिलासपुर के भाषा विद राघवेन्द्र दुबे अपन विचा प्रकट करिन।
कार्यक्रम के तीसर सत्र के विसय ‘छत्तीसगढ़ी साहित्य म आधुनिकता बोध’ के संयोजक दुर्ग के श्रीमती सरला शर्मा रहिन। येकर संचालन रायपुर के श्रीमती शशि दुबे जी करिन तेमा वक्ता रहिन रायपुर के डॉ.निरूपमा शर्मा, भिलाई के डॉ.नलिनी श्रीवास्तव, भिलाईच के श्रीमती शकुन्तला शर्मा, राजिम के श्रीमती सुधा शर्मा, बिलासपुर के श्रीमती तुलसी तिवारी, दुर्ग के डॉ. हंंसा शुक्ला अउ महासमुंद के श्रीमती अनसूया अग्रवाल रहिन।
ये सत्र के पाछू महिला साहित्यकार मन के गीत प्रस्तुति रहिस तेखर संचालन श्रीमती सुमन अनुपम बाजपेयी करिन। जेमा कोरबा के श्रीमती दीप दुर्गवी, बिलासपुर के श्रीमती वसंती वर्मा, रायपुर के डॉ.संध्या रानी शुक्ला, कोरबा के श्रीमती सुधा देवांगन अउ सरगुजिया गीत प्रस्तुत करिन श्रीमती मीना वर्मा ह।
आज के कार्यक्रम के चउथा सत्र ‘छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन’ हे जेन ह चलत हे। येकर अध्यक्षता श्री गणेश सोनी प्रतीक करत हें अउ येकर संयोजक/संचालक श्री पद्मलोचन शर्मा करत हें जेकर सहयोग बर श्री कौशल साहू, श्री काशीपुरी कुन्दन, श्री रामानंद त्रिपाठी, श्री अजय साहू अउ श्री प्रदीप पाण्डेय लगे हें।
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