नगरा लुच्चा बनना सरल हे, तंय मनखे बन के बता।
मनखे-मनखे एक समान कोनहो गरीब ल झन सता॥
धन अऊ बल रावन जइसे के घलो काम नई आइस,
तंय अलोक्खन ले बहिर, अपन आप ल झन जता।
भारत साधु, संत, रिसि, मुनि, संस्कार के देस आय,
झन धर तंय अनियांव, अतियाचार के रसता।
कखरो मन म भेदभाव, नफरत के जहर झन घोर,
बना सकथस त बना परेम के नत्ता।
चारों डहर हाहाकर हे मनखे, मनखे ल काटत-बोंगत हे,
का भांटा-मुरई कस मनखे होगे हे ससता?
धौंस झन दे चरदुनिया राजनीति अऊ सत्ता के,
कतको आइन अऊ गेइन जेखर नई हे अता-पता।
नगरा लुच्चा बनना सरल हे, तंय मनखे बन के बता।
मनखे-मनखे एक समान, कोनहो गरीब ल झन सता।
शेरसिंह गोड़िया
मुकाम कोलियारी पो. गैंदाटोला
तह. छुरिया,
जिला राजनांदगांव
श्रीकृष्णजन्माष्टमी की बधाई .
जय श्री कृष्ण !!!
कखरो मन म भेदभाव,नफरत के जहर झनघोर,
बना सकथस त बना नई ते, परेम ला झन टोर;