टीप-टीप तरिया डबरी
नरवा नदिया कछार।
आगे हरेली, राखी
तीजा-पोरा मया के तिहार॥
माते हे रोपा-बियासी
खेती-किसानी, जिनगी हमार।
हरियर दाई के कोरा
धरती माई करत हे सिंगार॥
टीप-टीप…
कमरा-खुमरी ओढ़े नगरिहा
धरे तुतारी बईला नागर।
जबर छाती हावय रे भईया
तोर कमईया जांगर॥
टीप-टीप…
रच-रच, मच-मच गेड़ी बाजे
जाता-पोरा नांदिया बईला साजे
भोजली, जेवारा, दौनापान रे
मयारू तोर मया चिन्हार॥
टीप-टीप…
भोले बबा ल मनाबो रे-
चढ़ाबो बेलपाती अउ नरियर।
अवङड़ दानी ओ तो
अविनासी हे अजर अमर॥
टीप-टीप…
रामकुमार साहू ‘मयारू’
गिर्रा पलारी