भारत मां के रतन बेटा, बढिया अंव रे
(Bharat man ke ratan beta badhiya anv re)
मंय छत्तीसगढिया अंब गा, मंय छत्तीसगढिया अंव रे
भारत मां के रतन बेटा, बढिया अंव रे ॥
सोन उगाथंव माटी खाथंव
मान ल देके हांसी पाथंव
खेती खार संग मोर मितानी
घाम सयारू हितवां पानी
मोर इही जिनगानी मंय नंगरिहा अंव गा।
किसन के बडे भइया हलधरिया अंव रे ॥
देस मया के भारत गीता
दाइ ददा मोर राम अउ सीता
दया मया मोर परवा छानी
परके सेवा मोर सिखानी
घाम पानी सहवइया मंय लहरिया अंवगा \
मोर चंदइनिन गोंदा मंय बहरिया अंव रे ॥
ढेरा आंटत उमर पहागे
सुनत गारी कान पिरागे
अतिया देखत आंखी आगे
भूसा के भुर्री गुंगुवागे
झन का मोला बुढ़वा डोमी करिया अंव गा।
सिधा मं सीधा नइ तो डोमी करिया अंव रे। ‘
मोर करेजा मं बज्जर लागय
मोर जिया कल्लावत हावय
मोर धरे कोई भारनी लागय
मोर डसे कोई काल नी बांचय
झन मोला ललकारव जंउहंर भूमिया अंब रे।
फूंकत म उड़वादंव जंउहंर भूमिया अंब रे।।
मोर ठइय्यां भुइय्यां जय होवय तोर
(Mor Chhainha bhuiya jai hovay tor)
मंय बन्दथंव दिन रात ओ
मोर धरती मइय्याँ जय होवय तोर ।
मोर ठइय्यां भुइय्यां जय होवय तोर ॥
सुत उठ के बड़े बिहिनिया तोरे पइय्यां लागंव
सुरुज जोत मां करंव आरती गंगा पांव पखारंव
फेर काया फूल चढावंव ओ मोर धरती मइय्यां”’ ॥
तोर कोरा सब जी जंतू के घर दुवार अउ डेरा
तहीं हमन के सुख दुख अउ ये जिनगी के घेरा
तोर मयां मां जग दुलरावंव ओ मोर धरती मइय्यां ॥
राजा परजा देवी देवता तोर कोरा म आइन
जइसन सेवा करिन तोर वो तइसन फल ल पाइन
तोर महिमा कतक बखानों ओ मोर धरती मइय्यांं ॥
सुमर-सुमर तोरे महिमा ल नारद सारद गावें
ब्रह्मा विष्नु धरें ध्यान तोर शेषा माथ नवावैं
तोर बलिहारी मैं जावंव ओ मोर धरती मइय्यांं ॥
मोर संग चलव रे
(Mor Sang Chalav Re)
ए गिरे परे हपटे मन
अउ डरे थके मनखे मन,
मोर संग चलव रे
अमरइय्या कस जूड छांव मंय
मोर संग बइठ जुड़ालव
पानी पी लव मंय सागर अंव
दुख पीरा बिसरालव
नवा जोत लव नवा गांव बर
रद्दा नवा गढव रे ।
मंय लहरी अंव मोर लहर मां
फरव फुलव हरियावव
महानदी मंय अरपा पैरी
तन मन धो फरियालव
कहां जाहू बड़ दूर हे गंगा
मया के पाठ रे। (बाद म एला ‘पापी इहें तरव रे’ गाए हें)
बिपत संग जूझे बर भाई
मंय बाना बांधे हंव
सरग ल पिरथी मां ला देहूं
प्रन अइसन ठाने हंव
मोर सुमत के सरग निसइनी
जुरमिल सबो चढब रे।
कड़क के बरसे बर परही
(Kadak ke barse bar parhi)
जुच्छा गरजे मां बनय नहीं, अब कड़क के बरसे बर परहीं।
चमचम चमके मां बनय नहीं, बन गाज गिरे बर अब परही ।।
मनई मनई के मान रखेबर
हमला समुहे आना है
पी पी के पीरा ला अपने
कखवा मया जगाना हेे ।
सिधा रहे मा अलकर लागे
टेडगा अब बन जाना हे,
पटकाई माँ पीठ छोलागे
पेट के खाल बचाना हे ।
अब तो आंच सहावय नाहीं, करवट लेहे बर परही ॥
ये जियाई कउन काम के
पीरा उप्पर पीरा,
अइलागेन हुम दुख विपत मां
जइसन घाम मां कीरा ।
कती कती बर चेत करी
काला काला गोहराई,
दरक गें छाती भुइयांंधारी के
रोवत धरती माई
मनखे बन के जियेव दिखथे, मरे कटे बर अब परही ॥
घाम बरसत हे
(Gham barsat he)
रेंगव रेंगव रे रेंगइय्या बेरा कडकत हे रे
आगी अंगरा बरोबर घाम बरसथे रे
चमकत हावय जइसे हंसिया के धार
लहकत हावय जइसे नदिया के धार
धूूंका गर्रा मटुक बांध संभरथे रे
धुर्रा लेके बंढ़ोरा सरग अमरथे
आमा फरे लटालट कइसे झुमरथे
डूमर पिपरी मउंहा लउहा लउहा टपकथे रे
चिरइ चुरगुन मं डेरा मां बइठिन
कुँवर कुंवर पान फूल घाम मां अंइठिन
तरिया नरवा कोती गरू गाय हुरकथे रे
काम बूता करइय सबों घर आगिन
गाँव गली खार बन भांय भाय लागिन
आवय कबले असाढ़ मन तरसथे रे
असाढ़ आगे
(Asad aage)
चल चल गा किसान बोये चली धान, असाढ़ आगे गा।
जेठ बइसाख तापे भारी घाम
अकरस के नांगर तपो डारे चाम
अब किडकथे बिजली ले ले तोर नाम, असाढ़ आगे गा।
बादर गरजे गरब मां तोर
चल संगी नांगर जुवाड़ी ला जोर
आगे बिहिनिया ले के ललहूँ अंजोर, असाढ़ आगे गा।
धंवरा रे बइला कोठा ले होंकरय
खाले न बासी बेरा हो तो गय
ओती बेंगवा घलाऊ अलापत हे लय, असाढ़ आगे गा।
लुए चली धान
(Luve chali dhan)
भइया गा किसान हो जा तियार
मुंड मां पागा, कान मां चोंगी
धर ले हंसिया अउ डोरी ना
चल चल गा भइया लुए चली धान ।
कुवांंर बीते कातिक आगे बादर फरियागे
जाड मां संगी डाढी कांपे धान छरियागे
धान मा सोनहा रंग आगे, मगन मोर जिवरा नाचे ना ।
चार महीना बीत गे भइय्या अब्बड दुख पाये
काम मां निचट बिधुन रेहे कभू तह हांसे
अब तो आगे दिन देवारी, मगन हो ठठाके हांसी ना ।
तील पोठागे, राहेर हांसे, भंवरा झूमे लागे
धान बपूरा झूम के गाये कबले अध्घन आये
धाम के मारे जिवरा फाटे, देख सुरेही टेही पारे न ।
काबर समाये मोर
(Kabar samaye mor bairi naina ma)
काबर समाये मोर बइरी नैना माँ
झुलत रहिये, चेहरा तोरे
ए हिरदय के ऐना मा ।
अपने अपन मोला हांसी आथे
सुरता मा तोर रोवासी आथे
का जादू डारे रे टोनहां तंय
ए पिंजरा के मैना मां ।
आथे घटा करिया घनघोर
झुम्मर जाथे मंजुर मन मोर
पुरवाई सन आ जाते संगी
पानी होके रैना मां ।
का होगे मोला तोर गीत गाके
नाचे के मन होथे
काम बुता मां मननी लागे
धकर धकर तन होथे
आके कूछु कहिते संगवारी
मया के बोली बैना मां ।
वारे मोर पंडकी मैना
(Vare mor pandaki maina)
वारे मोर पंडकी मैना, तोर कजरेली नैना।
मिरगिन कस रेंगना तोर नैना, मारे वो चोखी बान,
हाय रे तोर नैना ।
गोरी सवरेंगी रे जोडी, जिव ला ले डारे मोर
आठों पहर रे जोडी आंखी मां छांव के तोर
का फुरफुन्दी कहंव, घटा कस चुंदी कहंंव
चमके जइसन बिजली, तोरे नैना ।
मोर अंधियार मया ला दिये तंय अंजोर रे
लागे मया तोर संग मां, पिरा मारे जोर रे
का तोला चन्दा कहंव, का गरफन्दां कहंव
मोर नरी के माला, तोरे नैना ।
गोरी ये तोर हंसाई, मोर बड बइरी ए
रानी ये मोर मराई, तोर दुनों पइरी ए
बाजे जब छुमुक छुमुक, नांचे मन ठुमुक ठुमुक
किंदर जाथे गर्रा, तोरे नैना ।
– लक्ष्मण मस्तूरिहा
चंदैनी गोंदा के लोकप्रिय गीत