आज बड़ बिहिनिया ले नर्सरी म जम्मो फूल अउ बड़का रूख के नान्हे-नान्हे पौधा मन म खुसी के लहर ड़़उंड़त हवय, काबर आज वृक्षारोपण कार्यकरम म जम्मो नर्सरी के फूल अउ बड़का रूख मन के नान्हे-नान्हे पौधा ल लेहे बर बड़का जनिक ट्ररक हर नर्सरी म आये हवय.
गोंदा, मोंगरा, गुलाब फूल अउ चंदन के नानकुन पौधा मन आपस म गोठियावत रिहिन. गोंदा हर गोठियावत रिहिस-” अवो बहिनि मन इही वृक्षारोपण का हरे, मेहर कभू नइ देखे हववं, इही नर्सरी ले बाहिर के दुनियां ल देखेबर अब्बड़ बेचेन हवँ. “ओखर गोठ ल सुन के गुलाब हर किहिस-” वृक्षारोपण म हमन ल इही नर्सरी ले दूसर ठउर म लेंज के अउ हमन ल उंहा कियारी नइ त मइदा म बड़का गड्डा खोद के जगाय जाही. अब्बड़ मनखे मन के भीड़ हर सकलाय रहिथे. का नेता, का वी.आई.पी., का गरीब का अमीर, इस्कूल के लइका पिचका, टीचर जम्मो सकलाय रहिथे. बड़ मजा आही, बाहिर के दुनियां ल देखे बर आँखी हर तरसगे हवय. “उही बेरा चंदन रूख के नानकुन पौधा हर मुंच-मुंचावत किहिस- ” अब्बड़ मजा आही इही वृक्षारोपण के कार्यकरम म.”
जम्मो नान्हे फूल अउ नान्हे रूख के पौधा मन के गोठ ल सुन के आंवरा रूख के नान्हे पौधा हर किहिस-” अवो फूल के नानकुन रोपे पौधा अउ चंदन रूख क नान्हे पौधा, तुमन जानथव के वृक्षारोपण का हरे ? भइगे सैकड़ा-सैकड़ा म फूल अउ बड़का रूख के पौधा मन हर बछर वृक्षारोपण के नांव म ठगा जावत हवय.काबर हर बछर बड़का -बड़का वृक्षारोपण कार्यकरम के आयोजन होथे, फेर बड़का नेता, वी.आई.पी. मन के हाथ ले तोर रोपन होगे त बने बनही,तोर पूरा देख भाल पानी, सुरक्षा जम्मो होही. नइ त अउ फेर कोनो आम लोगन मन के हाथ ले रोपेगे, त भइगे एके दिन म अइला जाबे अउ दूसरइया दिन तोर मरे बिहान होही. तंय हर मर जाबे….एँखर ले त हमन इही नर्सरी म अब्बड़े खुस हवन. इंहा पानी, खाद जम्मो सुरक्षा हमर जतन के इन्तजाम हवय. इंहा हमन अब्बड़े खुस हवन, अब्बड़े सुघ्घर दिखत हवन. भगवान झन करे हमन ले कोनो पौधा ल वृक्षारोपण बर चुनई करय. नइ त हमर जम्मो झन के मरे बिहान हो जाही.
डॉ.जयभारती चंद्राकर
प्राचार्य
सिविल लाइन गरियाबंद ,
जिला गरियाबंद छ.ग.
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