संपादकीय : करिया तसमा म आंखी के उतियईल अउ उल्टा लटके के डर ले मुक्ति

ST1111करिया तस्मा पहिर के प्रधानमंत्री के सुवागत करई के किस्सा चार दिन मीडिया म छाईस। अपन डहर ले बुद्धिजीवी मन ओखर उपर अपन प्रतिक्रया घलो दीन। कोनो करिया तस्मा के संग खड़े रहिन त कोनों सरकार के कांसड़ा तिरई ल बने कहिन। छत्तीसगढ़ म तस्मा खपई ल, टेस मारे के उदीम कहे जाथे, काबर के छत्तीसगढ़ बर ये सहरी संस्कृ‍ति के लक्छन आए। फेर गांव अब सहर लहुटत हवय, अइसन समें म अब गावों म तस्मा खापे मनखे के दरसन होवत हे। ते पाके अब जमो तस्मा वाले मन के मन कुलकुलावत हे, सबो ल लउहे तसमा खापे के मन लागत हे। करिया तसमा ह ये बात बर बड़ सहयोग करथे के, आप जेला मन हे तेला देखव, टकटकी लगाके देखव, कोनो ल अजम नई होवय। येहू होथे के चारो मुड़ा के जनता समझथें के तसमा वाले मोहिच ल देखते हे। तेखरे सेती साहेब सहुबा मन करिया तसमा पहिरथें ताकि भरम बने रहय। सियान मन कथें के आंखी-आंखी म घलव गोठ होथे, त अइसन म काखरो आंखी के सामना नइ करना हे तभो तसमा खाप ले जाथे। कखरो आंखी आ जाथे, काखरो ओज परताप ल आंखी सहे नइ पाय, जियानथे तभो तसमा ल खापे जाथे। तसमा के अड़बड़ गुन हे का का ल बतावंव, तसमा वाले साहेब तसमा खाप के किस्सा बन गे। बने होईस, मोर हिसाब ले सरकार ल तसमा के बिरोध करे के बजाए जमो साहेब मन बर तसमा ल जरूरी कर देना चाही नई तो समें बेसमय इमन सरकार ल आंखी देखाहीं। अउ सरकार ल तस्‍मा खापे बर पर जाही।
ये हप्ता सरकार अपन मंत्रीमंडल के विस्ताेर करें हावय। जमो समाज ल संग लेवत प्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ.रमन सिंह ह छत्ती‍सगढ़ के असल सियान होए के अपन रूप ल देखा देहे हे। नवा मुख्तियारी म हमर संस्कृंति के सियान नवागढ़ मारो के दयाल दास बघेल जी हो गए हवंय। अब कईयेन झन साहेब सुहिबा मन के चलत उपरसस्सु थोरकुन थंमें हवय। सुने हावन के, पाछू हप्ता तक मंत्री महोदय के घर के काड़ म डोरीच-डोरी बंधाए रहय, डोरी मन साहेब बने मनखे ल उल्टा लटके के अगोरा करत रहंय। अउ मनखे मन डेरावत रहंय के कब उंखर गोड़ बंधा जाही, वोमन लटक जाहीं। अब सब हरहिंछा हो गए होहीं, नवां मंत्री जी के संग चले बर, साहेब के संगें संग परे डरे मनखे मन के घलव उदीम अब चालू हो जाही। उंखर लहर म कतकोन सपटा मन फुलहीं फरहीं अउ हरियांहीं। मंत्री जी के हिरदे म छलकत गंगा म नवा-जुन्ना खांटी पापी, धरमी सबे मन घलव तरहीं। सबे के हित होवय, फेर नवां मंत्री ले आस हे के उमन, बाबा घासीदास के सत के प्रतीक गिरोदपुरी के जैत खाम के सुध अब धरहीं अउ उही ल सुम्मेत के सरग निसेनी बनाहीं।

-संजीव तिवारी
संपादक : गुरतुर गोठ डॉट कॉम

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5 Thoughts to “संपादकीय : करिया तसमा म आंखी के उतियईल अउ उल्टा लटके के डर ले मुक्ति”

  1. sunil sharma

    बने केहेव संजीव भइया तभे महू गुरतुर गोठ केअपन हर रचना के नीचे वाले फोटु म चश्मा खपले रहिथव….मोरो ऊपर
    संपादक मण्डल के कांसड़ा झन तिरावय…….वैसे आपमन के तस्मा वाले गोठ बड़ सुग्घर लागिस…हमर गृहजिला के बिधायक महोदय ल गाड़ा गाड़ा मन्त्री बने के बधई

  2. Mahendra Dewangan Maati

    बहुतेच सुघ्घर लागिस तिवारी भैया आप मन के बात ह |
    जय जोहार |

  3. badiy lgis tiwari ji
    jai johar

  4. बहुते बढया बताये हौ,तिवारी जी

  5. D P Tiwari

    Sugghar he sanju.

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