सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में फौलादी महिलाओं की प्रेरणादायक यात्रा

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में फौलादी महिलाओं की प्रेरणादायक यात्रा

Durg, सेल-भिलाई अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, जब पूरी दुनिया जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना रही है, वहीं सेल-भिलाई स्टील प्लांट पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान रहे इस स्टील उद्योग में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण का एक प्रतिक बन गया है। महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, जो स्टील उत्पादन में अपनी अग्रणी भूमिका के लिए प्रसिद्ध है, समानता, सम्मान और सभी कर्मचारियों के लिए अवसरों की संस्कृति को बढ़ावा देने में भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
सेल-बीएसपी ने हमेशा यह सिद्ध किया है कि बीएसपी की मजबूती केवल उसके इस्पात उत्पादन में नहीं है, बल्कि इस्पाती मजबूत मानव संसाधन के विकास और निर्माण में है। प्लांट के विभिन्न पहलों का उद्देश्य, अपनी महिला कर्मचारियों के लिए विकास, शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देती हैं, जो वाकई सराहनीय हैं। लंबे समय से पुरुष प्रधान क्षेत्र माना जाने वाले स्टील उद्योग के कठिन वातावरण के बावजूद, बीएसपी ने यह सुनिश्चित किया है कि उसकी महिला कर्मचारियों को आगे बढ़ने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के समान अवसर मिले।
बीएसपी में कई महिला कर्मचारियों की यात्रा, इस बात का प्रमाण है कि संगठन लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्ध है। यहां महिलाएं केवल भाग नहीं ले रही हैं, बल्कि वे चिकित्सा, इंजीनियरिंग, खनन, संचालन, योजना, परियोजनाएं, खेल, शिक्षा, वित्त और यहां तक यहां तक कि ब्लास्ट फर्नेस जैसे जोखिम भरे विभागों सहित विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही हैं।
इसी तरह की एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं, यूनिवर्सल रेल मील (यूआरएम) की प्रबंधक श्रीमती ज्योति संगोलकर, जो 2014 से यूनिवर्सल रेल मिल की कमीशनिंग और स्टेबलाइजेशन का अभिन्न हिस्सा रही हैं। लगातार सुबह की शिफ्ट के दौरान उनके समर्पण, उत्पादन के दबावों को प्रबंधित करने और तकनीकी सुधार में योगदान देने के कारण उनकी टीम ने प्रतिष्ठित “एपेक्स पुरस्कार” जीता।
वह दृढ़ता की भावना का प्रतीक हैं और अपनी साथी महिला सहकर्मियों को चुनौतियों को स्वीकार करने, अपनी क्षमता पर विश्वास करने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और निरंतरता से यह साबित किया कि महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं, बशर्ते उन्हें सही अवसर मिले।
शैक्षिक सशक्तिकरण: बीएसपी की शिक्षा और कौशल विकास के प्रति प्रतिबद्धता, आदिवासी और वंचित पृष्ठभूमि की युवा महिलाओं के लिए इसकी पहलों से भी स्पष्ट होता है। सुश्री सुलोचना सलाम, बीएसपी की सीएसआर पहल के तहत नर्सिंग की छात्रा हैं, जो भिलाई के पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग में बीएससी नर्सिंग कर रही हैं।
नारायणपुर से आने वाली सुलोचना, जहाँ महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा दुर्लभ है, आदिवासी महिलाओं को बढ़ावा देने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रोफेशनल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बीएसपी की आभारी हैं। इस कार्यक्रम ने न केवल उनकी प्रोफेशनल क्षमताओं को बढ़ाया है, बल्कि शिक्षा के गहन प्रभाव को प्रदर्शित करते हुए उनके व्यक्तित्व में भी सकरात्मक बदलाव लाया है।
इसी तरह, सुश्री सुप्रिया सरकार, सुश्री नूतन निराला और सुश्री जॉर्जिना टोप्पो जैसी नर्सिंग छात्राएँ विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में जेएलएन अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में व्यावहारिक कौशल ज्ञान प्राप्त कर रही हैं। विभिन्न जागरूकता पहल और प्रतियोगिताओं के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में अपनी भावी भूमिकाओं के लिए अच्छी तरह से तैयार कर रहा है, साथ ही उन्हें सामाजिक-चिकित्सकीय विषयों पर भी सामुदायिक जागरूकता में योगदान देने में सक्षम बना रहा है।
सभी जीवन क्षेत्रों से महिलाओं का समर्थन: जीवन के सभी क्षेत्रों की महिलाओं का समर्थन करना बीएसपी की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल भी विविध पृष्ठभूमि की महिलाओं के उत्थान पर इसके फोकस को दर्शाती है। आईडीटीआर संस्थान के साथ अपनी साझेदारी के माध्यम से, बीएसपी ने श्रीमती गायत्री साहू को लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) ड्राइविंग में निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया।
इस पहल ने न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाया बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। अब वह अधिक स्वतंत्र महसूस करती हैं और समाज में सकारात्मक योगदान दे रही हैं, यह दिखाते हुए कि कौशल विकास पहल कैसे जीवन को बदल सकती है।एक और उल्लेखनीय कहानी मेसर्स यूनाइटेड इंफ्राकोर लिमिटेड की ठेका कर्मचारी सुश्री मोनिका भारती की है, जिन्होंने बेस्ट सेफ्टी सुपरवाइजर का पुरस्कार जीता।
ब्लास्ट फर्नेस के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम करते हुए, उनका मानना है किजब उन्हें अपने सहकर्मियों का समर्थन और विश्वास मिलता है तो महिलाओं के लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। उनकी यात्रा इस बात का शक्तिशाली उदाहरण है कि सही माहौल और प्रोत्साहन से महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
महिलाओं का उत्सव: ‘शक्ति-2025’ : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, सेल-बीएसपी ‘शक्ति-2025’ का आयोजन कर रहा है, जो 10 मार्च 2025 को एचआरडी सेंटर में होगा। यह कार्यक्रम नारीत्व का उत्सव है, जिसमें क्विज़, भाषण प्रतियोगिताएं और कविता प्रतियोगिता सहित कई गतिविधियाँ शामिल हैं।
इस साल की भाषण प्रतियोगिता का विषय ‘महिलाओं का उत्थान पुरुषों के पतन के बारे में नहीं है’ है, जो बीएसपी के लौंगिक समानता के प्रति संतुलित और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है। सेल-भिलाई स्टील प्लांट इस बात का उदाहरण है कि कैसे उद्योग क्षेत्र, एक पारंपरिक रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाले उद्योग को भी, समावेशी माहौल बना सकते हैं, जहां महिलाओं को आगे बढ़ने और नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रशिक्षण, शिक्षा और समान अवसर प्रदान करके, बीएसपी न केवल इस्पात का निर्माण कर रहा है, बल्कि एक मजबूत, अधिक समतामूलक समाज के लिए मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है। महिला दिवस के इस अवसर पर, इन महिलाओं की कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि सही समर्थन और अवसरों के साथ, महिलाएँ किसी भी प्रकार की बाधाओं को तोड़ सकती हैं और उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर सकती हैं।

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