दिल्ली। शुक्रवार तड़के बारिश के साथ चली तेज हवाओं के बीच आई आंधी ने गर्म मौसम को ठंडा कर दिया। घुटनों तक पानी से लबालब सड़कों पर दुश्वारियों ने हर किसी की परीक्षा ली। रात 2:30 बजे से लेकर सुबह 8:30 बजे तक हुई बारिश से दिल्ली की कई सड़कों और अंडरपास पर जलजमाव हुआ।
इससे जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में चौबीस घंटे में 77 मिमी बारिश हुई, जिसने मई की औसत बारिश के आंकड़े को पार कर दिया। मई में औसतन 30.7 मिमी बारिश होती है। भारी बारिश के बीच अधिकतम तापमान जहां 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया वहीं सड़क और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई विमान देरी से उड़े।
आज भी बारिश का यलो अलर्ट, 8 मई तक ऐसा ही मौसम रहने के आसार
मौसम विभाग ने शनिवार को भी बारिश और आंधी तूफान का यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार ऐसी स्थिति लगभग एक सप्ताह तक रहेगी। आठ मई तक गरज वाले बादल, बारिश और तेज हवाएं चलेंगी। इस दौरान बारिश दो से चार घंटे तक के लिए होगी।
शनिवार को हल्की बारिश व तेज हवाओं के कारण अधिकतम तापमान 34 जबकि न्यूनतम 21 डिग्री तक रहने के आसार हैं। इसके बाद भी तापमान 33 से 35 डिग्री और न्यूनतम 22-24 डिग्री तक बना रहेगा। इसके साथ ही 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान भी है।
मई की बारिश ने मानसून से पहले दिखाया आईना, दावों की खुली पोल
राजधानी में शुक्रवार की सुबह हुई कुछ घंटों की बारिश ने मानसून के दौरान जलभराव रोकने की प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी। बेमौसम की बरसात में हुए जलभराव और अव्यवस्थाओं ने दिल्लीवासियों को भारी परेशानी में डाल दिया। अभी जब यह हाल है तो मानसून के दौरान क्या होगा।
लोक निर्माण विभाग, एमसीडी और एनडीएमसी की जलभराव नहीं होने की तैयारियों और दावों की हकीकत कुछ ही घंटों में सामने आ गई। 200 से अधिक स्थानों पर जलभराव और सड़कों पर भरे पानी ने यातायात व्यवस्था को पटरी से पूरी तरह उतार दिया। ट्रैफिक घंटों तक जाम रहा और कई स्थानों पर सड़कें तक धंस गईं। सबसे ज्यादा चर्चा में हमेशा की तरह मिंटो ब्रिज अंडरपास रहा, जो पूरी तरह पानी में डूब गया। हर साल बारिश में यह जलभराव के लिए चर्चा में रहता है।
जलभराव के साथ-साथ बारिश के दौरान आई तेज आंधी ने हालात और बिगाड़ दिए। राजधानी के करीब 100 इलाकों में पेड़ गिरने से जहां यातायात बाधित हुआ, वहीं कई जगह बिजली आपूर्ति ठप हो गई। खासकर नार्थ एवेन्यू, लोधी कॉलोनी, मोती बाग, जनपथ, कालीबाड़ी मार्ग, पंडारा रोड, अकबर रोड, बाराखंबा रोड, कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन, ग्रेटर कैलाश-1, द्वारका सेक्टर-10, वसंत विहार, नजफगढ़, चिराग दिल्ली, कालकाजी, कश्मीरी गेट और विकासपुरी जैसे इलाकों में पेड़ गिरे।
पंत मार्ग पर सड़क का हिस्सा धंसने से वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी। कई कॉलोनियों में बिजली के तारों पर पेड़ गिरने से घंटों तक बिजली आपूर्ति ठप रही। बेमौसम की बारिश ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए और दावों की हकीकत पानी में उतराने लगी।
ओल्ड राजेंद्र नगर में फिर वहीं मंजर…
बारिश के दौरान ओल्ड राजेंद्र नगर के बाजार रोड पर भी भारी जलभराव देखा गया। यह वही स्थान है जहां पिछले साल एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से लाइब्रेरी में पढ़ रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी।
तस्वीरों में देखें बारिश से आई आफत: 200 जगहों पर भरा पानी, 100 स्थानों पर गिरे पेड़, जाम और बिजली रही गुल.आईटीओ, पंचकुइयां रोड, विकास मार्ग, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, लोनी रोड, एमबी रोड, एसएन मार्ग, अगस्त क्रांति मार्ग, रिंग रोड, आरके पुरम, पंचशील मार्ग, आउटर रिंग रोड, नारायणा, मायापुरी, गीता कॉलोनी, निजामुद्दीन, आईपी एस्टेट, दिलशाद गार्डन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भी जलभराव की स्थिति बनी रही।