केरल तट के पास लाइबेरियाई कंटेनर जहाज डूबा, तेल रिसाव और प्रदूषण का खतरा

केरल के अलाप्पुझा तट से लगभग 15 समुद्री मील दूर एक बड़ा समुद्री हादसा सामने आया है, जहां लाइबेरियाई ध्वज वाला कंटेनर जहाज एमवी एमएससी एल्सा 3 डूब गया। इस हादसे के बाद समुद्र की सतह पर सैकड़ों कंटेनर तैरते हुए देखे गए। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) द्वारा जारी हवाई सर्वेक्षण के वीडियो में तेल रिसाव और बिखरे कंटेनर स्पष्ट नजर आ रहे हैं।

आईसीजी के अनुसार, यह तेल रिसाव करीब 2×1 समुद्री मील क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। जहाज पर कुल 643 कंटेनर थे, जिनमें से 13 में खतरनाक रसायन जैसे कैल्शियम कार्बाइड मौजूद था। यह रसायन पानी के संपर्क में आने पर ज्वलनशील एसिटिलीन गैस उत्पन्न करता है। हालांकि केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केपीसीबी) की अध्यक्ष श्रीकला एस ने कहा कि अभी तक कैल्शियम कार्बाइड से लदे किसी कंटेनर के तट पर पहुंचने की सूचना नहीं मिली है।

प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में, आईसीजी ने विशेष जहाजों और विमानों को तैनात किया है। तेल फैलाव को रोकने के लिए तेल-विघटन रसायन (OSD) का छिड़काव किया गया, हालांकि ऊंची लहरों के चलते इसमें दिक्कतें आईं। केपीसीबी और स्थानीय प्रशासन समुद्र तट पर तेल पहुंचने की स्थिति में विशेष बोरों की मदद से सफाई की तैयारी में हैं।

घटना के बाद तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। कोल्लम और अलाप्पुझा में कुछ कंटेनर तट पर पहुंचे हैं, लेकिन तेल रिसाव की पुष्टि नहीं हुई है। कंटेनरों की रिकवरी का काम शिपिंग महानिदेशालय की निगरानी में किया जाएगा।

केरल में कंटेनर जहाज डूबने की यह घटना न केवल समुद्री पर्यावरण के लिए खतरा बन गई है, बल्कि समुद्री यातायात के लिए भी चेतावनी का संकेत है। संबंधित विभाग सतर्क हैं और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

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