नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं, और इसी दौरान एक चौंकाने वाली घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। 29 मई को पीएमओ में तैनात एक अधिकारी को वॉट्सऐप पर पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी मिली, जिससे हड़कंप मच गया। इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए एनआईए, आईबी और गृह मंत्रालय ने तुरंत संयुक्त जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि यह धमकी भरा मैसेज बिहार के भागलपुर जिले, specifically सुल्तानगंज थाना क्षेत्र, से भेजा गया था। टेक्निकल सर्विलांस और ट्रेसिंग के जरिए पुलिस ने आरोपी समीर रंजन की पहचान की और 4 घंटे के भीतर उसे पकड़ लिया गया।
भागलपुर के एसएसपी के निर्देश पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीम ने छापेमारी की। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि समीर रंजन ने जिस सिम कार्ड से धमकी भेजी थी, वह मंटू चौधरी नामक एक बुजुर्ग के नाम पर रजिस्टर्ड था। समीर ने यह सिम फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त किया था ताकि अपनी असली पहचान छिपा सके।
इस घटना ने एक बार फिर से दिखा दिया कि पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर एजेंसियां बेहद सतर्क हैं। तेज़ कार्रवाई और त्वरित गिरफ्तारी ने दिखाया कि देश की सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार की धमकी को हल्के में नहीं लेतीं। पीएम मोदी को धमकी जैसे गंभीर मामलों में हर स्तर पर सतर्कता और तत्परता अब एक अनिवार्य आवश्यकता बन गई है।