दिल्ली। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून की दस्तक के साथ ही प्राकृतिक आपदा का तांडव शुरू हो गया है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम और मणिपुर जैसे राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही मची है। अब तक 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
ब्रह्मपुत्र और बराक सहित 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अकेले असम के 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जहां एनएच-17 का हिस्सा ढह गया है और अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
सिक्किम में तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ने से हालात और खराब हो गए हैं। मंगन जिले में रेड अलर्ट जारी किया गया है और 1,500 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं।
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थिति भयावह है। 1,300 परिवारों के 5,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं। मुख्यमंत्री मानिक साहा के आवास के बाहर भी पानी भर गया है।
मणिपुर में 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे 883 घरों को नुकसान और 3,800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सेना और असम राइफल्स ने 1,500 लोगों को सुरक्षित निकाला है।
अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भी भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ के साथ-साथ भूस्खलन के कारण सड़कें और रेल मार्ग अवरुद्ध हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने असम, सिक्किम और अरुणाचल के मुख्यमंत्रियों व मणिपुर के राज्यपाल से बात कर स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने आश्वस्त किया कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है और हरसंभव मदद दी जाएगी।